भीमा कोरेगांव घटना के निषेध में अकोला व आसपास के जिलों में रहा बंद | New India Times

ओवैस सिद्दीकी, अकोला (महाराष्ट्र), NIT; ​भीमा कोरेगांव घटना के निषेध में अकोला व आसपास के जिलों में रहा बंद | New India Timesभीमा-कोरेगांव  घटना के निषेध में  भारिप-बहुजन महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाळासाहेब आंबेडकर के द्वारा की हुई महाराष्ट्र बंद की घोषणा के बाद अकोला, वाशीम, बुलढाणा जिलों में सख्त बंदी दिखी। बुधवार 3 जनवरी सुबह से ही शहर के साथ  ग्रामीण भाग में  आंबेडकरी चळवळ में  विविध राजकीय पक्ष एवं संघटना के कार्यकर्ता रस्ते पर आकार मोर्चा, आंदोलन कर निषेध किया तथा  जिल्हाधिकारी को निवेदन दे दोषियों के खिलाफ कारवाई की मांग की। ​भीमा कोरेगांव घटना के निषेध में अकोला व आसपास के जिलों में रहा बंद | New India Times कोरेगांव भीमा घटना का तीव्र निषेध में  जिले में भारिप बहुजन महासंघ के साथ विविध आंबेडकरी संघटना के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने मोर्चा निकाल बंद रखने का आवाहन किया। जिला प्रशासनने मंगलवार रात आदेश निकाला कि शाला-महाविद्यालयों को छुट्टी जाहीर की तथा एसटी बसें रद्द किए गए। अकोला के साथ तेल्हारा, बालापुर, पातूर, अकोट, दानापुर, बोरगांव मंजु, बुलढाणा, मोताडा, दुसरबिड, मेहकर, खामगांव, नांदुरा, संग्रामपुर, वाशिम, कारंजा आदि शहर में भी आंबेडकरी कार्यकर्ताओं ने रस्तो पर  प्रदर्शन किए। मंगलवार को अकोला, बुलढाणा, वाशीम जिलों में विविध जगाह बसों की तोडफोडी की घटनाएं सामने आने के बाद प्रशासन ने कडक बंदबस्त किया था। बुधवार सुबाह अकोला में अशोक वाटिका में एकत्र होते हुए आंबेडकरी कार्यकर्ताओं ने तीव्र निषेध व्यक्त किया। शहर की सभी  दुकाने बंद रखी गईं तथा कानून व्यवस्था बनाए राखने के लिए पुलिस ने प्रत्येक  चौक पर सख्त पुलिस बंदोबस्त तैनात किया था। शाम 5 बजे के बाद शहर एवं तहसील स्तर पर शांती दिखी। स्थिति की वजह से महामंडल की बसे बंद होने की वजह से एक तरफ नागरिक परेशान हुए तो दूसरी ओर महामंडल का बडा नुकसान भी हुआ। 

बंद की वजह से अटके हुए मुसफिरो के लिए किया भोजन का प्रबंध

बसें बंद रखने की वजह से एक तरफ महामंडल का बडा नुकसान हुआ तो दूसरी ओर घर से सफर के लिए निकले मुसाफिरों को बडी मुश्किलात का सामना करना पडा। बंद की घोषणा की वजह से शहर में बसों के साथ भोजन के होटल भी बंद थी जिसकी वजह से दूसरी जगहों से आए हुए चालक, वाहक एवं मुसाफिरों की भोजन की व्यवस्था मुश्किल हो गाई थी। स्थिती को देखते हुए आगार क्र 2 के व्यवस्थापक ए पी पिसोळे तथा उनके सहायकों ने मुसफिर एवं चालक वाहकों के लिए भोजन का इंतेजाम किया, जिससे संबंधितों के चेहरे पर मुस्कान दिखाई दी।


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