पीयूष मिश्रा/अश्वनी मिश्रा, छपारा-सिवनी (मप्र), NIT; देश में चलाए जा रहे स्वच्छ भारत अभियान की जमीनी हकीकत देखना हो तो 20 हजार से अधिक आबादी वाले छपारा नगर में देखी जा सकती है, जहां आजादी के बाद से अब तक सार्वजनिक महिला शौचालय एवं प्रसाधन तक नहीं बन पाया है।
उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत छपारा 20 हजार से अधिक आबादी वाला नगर है लेकिन देश की आजादी के बाद से अब तक निर्वाचित जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों का ध्यान सार्वजनिक महिला शौचालय एवं प्रसाधन की ओर अब तक क्यों नहीं गया है यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है।
महिला प्रधान नगर में फिर भी बद से बदतर हालात
इस संवेदनशील और गंभीर मामले में यह बताना भी जरूरी है कि छपारा में तहसीलदार क्षमा श्रॉफ और जनपद पंचायत छपारा सीईओ शिवानी मिश्रा जैसे बड़े अधिकारी पूरे छपारा तहसील और जनपद क्षेत्र का कार्यभार संभाल रही हैं। यही नहीं छपारा ग्राम पंचायत की बागडोर भी महिला सरपंच के रूप में श्रीमती पूनम सैयाम के बाद अब सोनाबाई सरपंच पद पर विराजमान हैं, इसके अलावा छपारा जनपद पंचायत की अध्यक्षा श्रीमती केशर बाई भी क्षेत्र का नेतृत्व कर रही हैं, लेकिन आश्चर्य का बात यह हैकि इन सभी महिला अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का ध्यान छपारा नगर में सार्वजनिक महिला शौचालय एवं प्रसाधन की ओर अब तक क्यों नहीं गया है यह समझ से परे है।
जनपद सदस्य से सांसद और विधायक नीता पटेरिया ने भी नहीं की पहल
छपारा नगर और क्षेत्र की जनता ने फर्श से अर्श तक जिस महिला नेत्री श्रीमती नीता पटेरिया को सर्वप्रथम पहले तो जनपद सदस्य के रुप में चुना और उसके बाद इसी क्षेत्र से नगर की जनता ने इन्हें जिला पंचायत सदस्य और उसके बाद सिवनी सांसद और सिवनी विधायक जैसे महत्वपूर्ण पद पर नगर की जनता ने छपारा नगर के विकास की भावना से इन्हें इन पदों पर विराजमान करवाया था और वर्तमान में श्रीमती नीता पटेरिया महाकौशल विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पद पर भी विराजमान हैं, लेकिन इन्होंने आज तक छपारा नगर के साथ-साथ क्षेत्र की ग्रामीण महिलाओं के लिए छपारा नगर में सार्वजनिक महिला शौचालय तथा महिला प्रसाधन बनाए जाने की किसी भी रुप से कोई पहल नहीं की है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या श्रीमती नीता पटेरिया नगर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं की शौच एवं लघु शंका जाने की मजबूरी को नहीं समझती हैं या फिर वे सिर्फ वोटों की राजनीति पाने के लिए विकास का ढिंढोरा पीटती रहती हैं।
शर्मसार होती महिलाएं यहां वहां भटकती रहती हैं
देश में चलाए जा रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे बड़े स्वच्छ भारत अभियान की पोल खोलने और जमीनी हकीकत क्या है इसकी सच्चाई सिवनी जिले के NH 7 पर स्थित छपारा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर देखी जा सकती है, जहां आजादी के बाद से अब तक छपारा मुख्यालय के हृदय स्थल बस स्टैंड और अन्य स्थलों में सार्वजनिक महिला शौचालय एवं प्रसाधन तक नहीं है। जिसके चलते नगर के अलावा आसपास के सैकड़ों ग्रामों तथा बसों में सफर कर रही महिलाओं को छपारा बस स्टैंड में लघुशंका एवं शौच के लिए यहां-वहां भटकने के साथ-साथ शर्मसार भी होना पड़ता है। इसके अलावा छपारा नगर में सप्ताह में 2 दिन हाट बाजार लगता है और इस हाट बाजार में छपारा नगर के आस पास से सैकड़ों ग्रामों की महिलाओं का नगर में आगमन भी होता है लेकिन आए दिन यह देखा जाता है कि यह सभी महिलाएं लघुशंका एवं शौच जाने के लिए यहां-वहां भटकने के साथ-साथ सार्वजनिक रूप से शर्मसार भी होती रहती हैं। क्या इस समाचार के प्रकाशन के बाद महिला प्रधान, अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की नींद खुलेगी और इस गंभीर समस्या की ओर इन महिला अधिकारियों एवं महिला जनप्रतिनिधियों के द्वारा कोई पहल की जाएगी???
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