अकोला शहर में है स्वछता का अभाव, जगह-जगह लगा रहता है कचरों का ढेर | New India Times

ओवेस सिद्दीकी, अकोला (महाराष्ट्र), NIT; ​अकोला शहर में है स्वछता का अभाव, जगह-जगह लगा रहता है कचरों का ढेर | New India Timesएक तरफ जहां सरकार सफाई के लिए करोडों रुपय खर्च कर रही है और साथ ही शहर की समाजसेवी संस्थाएं भी लोगों में सफाई को लेकर जागरूकता अभियान चलाये हुये है, लेकिन मनपा प्रशासन पर इसका कोई असर साफ- साफ दिखता नजर नहीं आ रहा है। केवल दिखावे की सफाई कीए जाने के आरोप नागरिकों द्वारा लगाए जा रहे हैं। कौंसिल कर्मचारियों की लापरवाही के चलते जगह- जगह गंदगी और कूड़े के ढेर देखे जा सकते हैं। जिसको लेकर लोगों में भारी रोष व्याप्त है।​​अकोला शहर में है स्वछता का अभाव, जगह-जगह लगा रहता है कचरों का ढेर | New India Timesईदगाह बस्ती, मोमीनपूर, पुराना शहर , इंदिरानगर आदि परीसर के लोग नर्क जैसी जिंदगी जीने को मजबूर हैं। कचरे की वजह से परिसर में मच्छरों का प्रकोप बढ गया है, जिसकी वजह से परिसर के नागरिक विविध बीमारियों में लिप्त हो रहे है तथा दुर्गंन्ध से परेशान हैं। लोगों का आरोप है कि सफाई सेवक भेदभाव की नीति अपना रहे हैं, जिसके कारण इस परीसर मे सफाई व्यवस्था चरमरा रही है। शहर में जगह जगह कुडे के अंबार नजर आते हैं, जिसकी ओर प्रशासन पूर्ण रूप से आंखें बंद कीए हुए है। सफाई कर के नाम पर कचरा घंटा गाडी द्वारा 30 रुपय प्रति माह सामान्य नागरिकों से तथा 50 रुपय प्रति होटल से लिया जाता है लेकीन कोई उचित सेवा नहीं दी जाती है। इस भुक्तान से बचने शहर के बहुतांश नागरिक कचरा घंटा गाडी का उपयोग नही कर रहे हैं तथा अनियमित रूप से गिला एवं सुखा कुडा परिसर के खाली जगहों पर डालने से भी शहर की साफ सफाई चरमरा गाई है। शहर के करीब 40 प्रतिशत नागरिक कचरा घंटा गाडी का उपयोग नहीं करते हैं। ​अकोला शहर में है स्वछता का अभाव, जगह-जगह लगा रहता है कचरों का ढेर | New India Times

              चिराग तले अंधेरा

शहर को स्वच्छ रखने का आश्वासन देने वाली तथा स्वच्छ अकोला सुंदर अकोला का नारा लगाने वाली मनपा में ही अस्वच्छता देखी जा सकती है। एक तरफ मनपा पार्किंग परिसर में कूडे का ढेर नजर आता है तो दुसरी ओर शराब तथा पानी की खाली बोतलें मानो इसे कुडादान स्थान बना दिये हों।  इसी के साथ मनपा में आने वाले नागरिक एवं बहुतांश कर्मचारी बेशाब के लिए भी पार्किंग परिसर का उपयोग कर रहे हैं। जब मनपा में ही जबजाह अस्वच्छता है तो शहर में स्वछता का प्रश्न ही  पैदा नहीं होता है।


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By nit

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