बुलढाणा-ब्यूरो (महाराष्ट्र), NIT; गरीबों को मिलने वाले राशन के अनाज में किसी प्रकार की कालाबाजारी ना हो इसलिए शासन ने ‘द्वार पहुंच’ योजना अमल में लाई है. इस योजना के तहत सरकारी गोदाम से राशन की दुकान तक ठेकेदार के वाहन के जरिए अनाज पहुंचाया जाता है. बुलढाणा ज़िले में कार्यरत ठेकेदार अपनी नैतिक जिम्मेदारी भूलकर द्वार पहुंच योजना में भ्रष्टाचार कर रहा है. ऐसा ही एक मामला विगत 15 दिसंबर को उजागर होने के बाद बुलढाणा तहसीलदार सुरेश बगले के निर्देश पर एक राशन दुकान के अनाज की जांच कर दुकान को सील कर दिया गया था, जहां पर अनाज पहुंचा ही नहीं था. अब इस कार्रवाई को झूठा साबित करने के लिए बुलढाणा के डीएसओ बी.यू. काले महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए राशन यात्रा ठेकेदार को बचाने के लिए इस 171 क्विंटल राशन अनाज के भ्रष्टाचार को दबाने की जी-जान से कोशिश करने की जानकारी मिली है.
विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बुलढाणा तहसील के सरकारी अनाज के गोदाम से 15 दिसंबर को दोपहर के बाद द्वार पूजा योजना के तहत तहसील के साखली ग्राम के राशन दुकानदार शेर के के लिए दो वाहनों से माल गांव में पहुंचाया गया यह बात सरकारी दस्तावेज बता रहे हैं किंतु हकीकत यह है कि यह माल शेलके की दुकान पर पहुंचा ही नहीं था राशन के इस कालाबाजारी की जानकारी मिलने के बाद बुढाना के तहसीलदार सुरेश बगले ने अपनी टीम को 15 दिसंबर की रात में ही 10:00 बजे ग्राम सांवली में शेलके की दुकान पर भेजा जहां पर 171 क्विंटल अनाज मौजूद नहीं था दुकान का पंचनामा का दुकान को सील कर दिया गया था तथा इस कार्रवाई का अहवाल तहसीलदार बगले ने बुलढाणा जिला आपूर्ति अधिकारी बी.यू काले को भेज दिया ताकि इस भ्रष्टाचार में लिप्त दुकानदार व यातायात ठेकेदार पर उचित कार्यवाही की जाए.
और ट्रक वापस लौट आया
राशन अनाज की यातायात के दौरान अनाज ले जा रहे किसी वाहन में अगर तांत्रिक बिगाड़ आ जाए तो संबंधित ठेकेदार का यह कर्तव्य है कि वह तत्काल इसकी सूचना संबंधित तहसीलदार को दे ताकि दूसरे वाहन का इंतजाम हो सके। बुलढाणा गोडाउन से 15 दिसंबर को अनाज ले कर साखली के लिए निकला वाहन अपने निर्धारित गंतव्य पर नहीं पहुंचा तथा तहसीलदार बगले ने उस राशन दुकान का पंचनामा कर उसे सील कर दिया. इस बात की भनक लगते ही अपना भ्रष्टाचार छुपाने के उद्देश से संबंधित ठेकेदार का वाहन चिखली मार्ग के टोल नाके के पास लाकर 17 दिसंबर को खड़ा कर दिया गया था और यह दर्शाने का प्रयास किया गया कि वाहन में तांत्रिक बिगाड़ा आ गया था. अब प्रश्न उपस्थित होता है कि यदि वाहन 15 दिसंबर को गोदाम से निकला था तो 16 दिसंबर को कहां था?साखली में पंचनामा करने गई सरकारी टीम को ये वाहन क्यों नही दिखाई दिया? ठेकेदार ने वाहन में तांत्रिक बिगाड़ आने की सुचना तत्काल तहसिलदार को क्यों नही दी थी ?जबकि हकीकत तो ये है कि ये वाहन 17 दिसंबर को ला कर खड़ा किया गया था।
डीएसओ ने खुद किया पंचनामा दक्षता
आश्चर्यचकित रूप से राशन का अनाज ले कर वाहन दूसरे दिन चिखली टोल नाके के आगे ला कर खड़े किये जाने के बाद डीएसओ बी.यु.काले ने वाहन का पंचनामा करने के लिए बुलढाणा तहसिलदार को पत्र दिया किंतु तहसिलदार ने पंचनामा करने से इनकार कर दिया पश्चात डीएसओ काले यातायात ठेकेदार को इस अपराध से बचाने के मकसद से खुद ही वाहन के पास पहोंचे और फिर ये मामला पूरी तरह से मैनेज कर दिया गया है।
अब कलेकटर साहब क्या करेंगे?
बुलढाणा ज़िले में राशन माफिया प्रशासन में मौजूद कुछ भरष्टाचारी अधिकारियों की मिलीभगत से गरीबों का अनाज बेखौफ हो कर कालेबाज़ार में बेच रहे थे.कुछ माह पहले ज़िले में नए कलेकटर चन्द्रकांत पुलकुंडवार व नए एसपी शशिकुमार मीणा के रुजू होने के बाद उन्होंने राशन तस्करी को रोकने के लिए कडी भूमिका अपनाते हुए ज़िले के कई राशन माफियाओं के खिलाफ अपराध दर्ज कराए थे.जिस से राशन तस्करी की घटनाओं पर बड़ी मात्रा में अंकुश भी लगा था.15 दिसेंबर को तहसिलदार बगले द्वारा की गई कार्रवाई में उन्हें गोदाम से राशन अनाज लेकर निकला वाहन राशन दूकान पर नही पहोंचने की बात पता चलने के बाद उन्होंने कलेकटर पुलकुंडवार को अपनी रिपोर्ट दे दी है जबकि डीएसओ काले इस कालाबाज़ारी को दबा रहे है,जिङङङङङस से कई सवाल खड़े हो रहे है.अब देखना ये है कि इस मामले में जिलाधीश पुलकुंडवार क्या भूमिका अपनाते है।
मुझे गुप्त जानकारी मिली कि बुलढाणा शासकीय गोदाम से अनाज ले कर निकला वाहन राशन दूकान पर नही पहुंचा, तब साखली की दूकान का पंचनामा कर दूकान को सील करने के बाद घटना का अहवाल कलेकटर व डीएसओ को भेज दिया गया है: सुरेश बगले तहसिलदार, बुलढाणा
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.