नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

भारत के संविधान निर्माता डॉ बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के 134 वें जन्मदिवस पर नरेन्द्र मोदी सरकार ने मुंबई में जय भीम पदयात्रा का आयोजन किया। नरीमन पॉइंट से बाबा साहब के शिल्प तक की इस यात्रा में खेल राज्य मंत्री रक्षा खडसे ने हिस्सा लिया। माई भारत नेहरू युवा केंद्र NSS सदस्यों के साथ कदम मिलाकर चली खडसे ने कहा कि बाबा डॉ भीमराव आंबेडकर आज भी युवकों के लिए प्रेरणा केंद्र हैं। यात्रा में देवेन्द्र फडणवीस सरकार के कैबिनेट मंत्री और बीजेपी नेता शामिल हुए।

सरकार की इमेज़ सुधारने का प्रयास: 2024 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी के कई नेताओं ने 400 पार के नारे के पीछे छिपे संविधान बदलने की मंशा को सार्वजनिक किया। नतीजा 239 सीटों के साथ बीजेपी का घमंड धड़ाम से गिर गया। विपक्ष द्वारा सदन में बाबा डॉ भीमराव आंबेडकर के बार बार उल्लेख से तल्ख गृह मंत्री अमित शाह ने डॉ आंबेडकर का नाम लेने को फैशन करार दे दिया। देश विदेश से सरकार की निंदा होने पर प्रधानमंत्री को बात रखनी पड़ी। दरअसल बीजेपी और RSS जिस हिंदुराष्ट्र की पैरवी करती है उसकी राह का सबसे बड़ा रोड़ा भारत का संविधान है जो देश के सभी नागरिकों को धर्म निरपेक्ष, समाजवादी गणतंत्र व्यवस्था बहाल करता है। लेखक चंद्रकांत वानखेड़े के मुताबिक दक्षिणपंथी विचारधारा जो है वो मुस्लिम, ईसाई और कम्युनिस्ट इन तीनों घटकों का घोर विरोध करती है। कॉमरेड शरद पाटिल की किताब दास शूद्रों की गुलामगीरी से आप पाठकों को व्यापक जानकारी मिलती है। दस साल में मोदी सरकार ने संविधान पर जो कुठाराघात किए हैं उनसे सरकार की बिगड़ी छवि को सुधारने की कोशिश के तौर पर जय भीम पदयात्रा को देखा जा रहा है।
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