जितेंद्र वर्मा, हरदा (मप्र), NIT; हरदा जिले की हंडिया में रेत माफियाओं की जानी मानी खदान भमोरी खदान में अवैध खनन जारी है। सूत्रों से मिली जानकारी में पता चला कि खदान स्वीकृत नही होने के बाद भी खनन कर रेत का स्टॉक कर बड़ी ही होशियारी के सांथ रेत के कारोबार को चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा रोक लगाने की पहल भी इन माफियाओं पर लगाम नहीं लगाती हुई नजर आ रही है। रेत माफियाओं के लिए रेत का खनन करना एक बड़ा बिजनेस बना हुआ है क्योंकि इस बिजनेस में करोड़ों रुपयों का फायदा मिलता है। यह माफिया जिसे चाहे उन्हें खरीद सकते हैं यदि किसी के खेत से ही रास्ता बनाना हो तो उसे भी महीनेवार पैसा दिया जाता है। सोचने वाली बात तोह यह है, कि पैसों के खेल में हर आदमी अंधा हो जाता है। उत्खनन करने वालों को किसी का भी डर नही रहता है। रेत का बिजनेस मतलब बड़ा टारगेट। अधिकारियों को क्या चल रहे उत्खनन की जानकारी नही है, ऐसा नही है जानकारी होने के बाद भी कार्यवाही महज दिखावे की ही होती है। विगत समय हरदा में खनिज विभाग के द्वारा 3 ओवरलोड डंपरों पर कार्यवाही की गई थी, वहीं ड्राइवर का कहना था कि हमारे डंपरों के पीछे ओर भी बहुत सारे डम्फर थे लेकिन उन्हें नहीं पकड़ा गया क्यों? क्या उत्खनन करने वाले माफियाओं के सामने कार्यवाही करने वाला विभाग या शासन नतमस्तक हो गया है? वहीं माँ नर्मदा के सीने को छलनी करके इतना गहरी कुरन कर दिया गया है कि यदि कोई नया व्यक्ति गलती से स्नान करने पहुंच जाता है तो उसका ऊपर आना बड़ा ही मुश्किल हो जाता है। इसे कोई झुटला भी नही सकता, वहीं भमोरी घाट पर डंपरों को लोड किया जा रहा है, नाव के जरिये दूर दूर से रेत का खनन किया जा रहा है। खनन का किस तरह अंजाम दिया जा रहा है जैसे कितने ही रोक थाम के बाद भी उत्खनन करने वाले आखिर किस के दम पर खनन के काम से पीछे नहीं हट रहे हैं ऐसी क्या वजह है? उत्खनन करने वालों की बिना सांठ गांठ के यह संभव नही है, क्योंकि इतने जबदस्त उत्खनन आंखों के सामने होना व ट्रालियों व डंपरों की अंधाधुंध रफ्तार जिससे कई जानें जा चुकी हैं और भी आगे कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती हैं क्या उत्खनन पर कार्यवाही करने वाले अधिकारी या प्रशासन नही हैं, यदि हैं तो कहां गए? क्या कोई निराकरण नहीं है? इन माफियाओं के अंधे बिजनेस का खूफिया खेल रेत उत्खनन से यहां किसी को कोई फर्क नही पड़ता, सिर्फ और सिर्फ पैसों की लालच में यहां यह खेल चल रहा है क्योंकि रेत कमाई का पैसा अधिक से अधिक मिलता है। इन रेत माफियाओं को तो अधिकारी भी नहीं पछाड़ पाए। यह अपनी मर्जी के मालिक बने जहां चाहा वहां से कर लिया खनन, किसी का कोई रोक टोक इनके आगे सब विफल साबित हुआ हो रहें हैं।
- इनका कहना है:-
आपके द्वारा जानकारी मिली है, कायर्वाही कर जांच की जाएगी और हमारी टीम के द्वारा मोके पर जाकर निरीक्षण किया जाएगा: अर्चना ताम्रकर, खनिज इंस्पेक्टर हरदा
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