मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

ज़िला चिकित्सालय बुरहानपुर के एएनसी ओपीडी में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत दिनांक 25/03/ 2025 को गर्भवती माताओं का संपूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इसके अंतर्गत गर्भवती माता का शारीरिक परीक्षण एवं प्रसव पूर्व मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण ,पोषण आहार, गर्भावस्था में किया जाने वाला व्यायाम एवं प्रसव से संबंधित समस्या के लिए हेल्पलाइन नंबर प्रसव पूर्व समस्या के लिए 08047 93 146 एवं प्रसव के बाद माता एवं नवजात शिशु देखभाल के लिए 08047 93 147 एवं सुमन हेल्पलाइन नंबर 750 9217 एवं मानसिक समस्याओं (तनाव ,चिंता, डर, नींद ना आना, चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन) के लिए मनहित अप एवं टेली मानस स्वास्थ्य कार्यक्रम 144 16 हेल्पलाइन नंबर एवं मनहित अप में जागरूकता वीडियो के माध्यम से प्रसव संबंधी किसी भी समस्या के लिए 24 घंटे उपलब्ध घर बैठे निःशुल्क एवं गोपनीय सहायता ले सकते हैं। प्रसव पूर्व मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण की आवश्यकता एवं महत्व एवं केयर कंपेनियन प्रोग्राम के बारे में भी पोस्टर्स, बैनर एवं पंपलेट के द्वारा गर्भवती माता एवं परिजन एवं स्वास्थ्य कर्मियों को जागरूक किया गया।
आज दिनांक 25/03/2025 को जिला चिकित्सालय के एएनसी ओपीडी में कुल 55 गर्भवती माता का प्रसव पूर्व स्वास्थ्य परीक्षण किया गया,जिसके अंतर्गत 21 गर्भवती माताएं गंभीर जोखिम की पाई गई। इसके बारे में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ द्वारा परिजनों को समझाईश दी गई है। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पूनम सिंघाल के द्वारा गर्भवती माता की जांच एवं सोनोग्राफी) डॉ मुनीष गुप्ता स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉक्टर हिमाया स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉक्टर ममता परदेसी महिला मेडिकल ऑफिसर, सीनियर नर्सिंग ऑफिसर श्रीमती वंदना श्रीवास्तव, श्रीमती सीमा डेविड( सीनियर नर्सिंग ऑफिसर) कुमारी विशाखा नर्सिंग ऑफिसर, कुमारी निकिता डाटा एंट्री ऑपरेटर, सपोर्टिंग स्टाफ अश्विनी एवं उपस्थित स्वास्थ्य आशा कार्यकर्ता बहनों (शहरी ग्रामीण सेवाएं) दी गई। अभियान का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को शिशु के जन्म से पहले और बाद में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराकर ,उनकी सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करना, ताकि उनके जीवन और स्वास्थ्य को जोखिम से बचाया जा सके। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का उद्देश्य गर्भावस्था के दौरान मातृ मृत्यु दर एवं गर्भस्थ शिशु मृत्यु दर एवं नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करना है।
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