नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

जब सरकार राजकाज चलाने में फेल होती है तब “धर्म” को मुद्दा बनाती है। औरंगजेब को कब्र से हटाने की नौटंकी से मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के नागपुर में साम्प्रदायिक हिंसा का माहौल बनाया गया। कांग्रेस नेता अनीस अहमद ने हिंसा के लिए विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल को कठघरे में खड़ा किया। बजट सत्र के दौरान फडणवीस ने हिंसा के लिए छावा फ़िल्म को जिम्मेदार ठहराया। जब की छावा का शो देखने के लिए खुद फडणवीस अपनी कैबिनेट के साथ थिएटर गए थे। बीजेपी के कई मंत्री अपने क्षेत्रों में स्कूली बच्चों को मुफ़्त में छावा दिखा रहे थे। 98 वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ़िल्म छावा का प्रमोशन किया। आज पूरा विपक्ष संसद से लेकर निचले सदनों में बीजेपी के हेट स्पीच को ऐतिहासिक तथ्यों के साथ जवाब दे रहा है। लोगों के ऊपर रूढ़िवादी विचारों को जितना थोपा जाएगा भारतीय समाज उतनी ही ताकत से तार्किक दृष्टिकोण के साथ सिंधू संस्कृति और चार्वाक दर्शन की ओर बढ़ेगा। RSS औरंगजेब के मामले से हाथ पीछे न खींचती तो संभाजी राजे को गिरफ्तार करवाने वाले साजिशकर्ताओं को लेकर समाज में समग्र रूप से चर्चा होती। जनता पर बतौर मुख्यमंत्री थोपे गए देवेन्द्र फडणवीस महाराष्ट्र के सबसे नाकाम गृहमंत्री बनकर उभरे हैं। साफ़ साफ़ कहा जाने लगा है कि महाराष्ट्र की सत्ता पाने के लिए बीजेपी ने दिल्ली का सिंहासन दांव पर लगा दिया है।
मजदूर बने BOT के शिकार: जलगांव के जामनेर में जर्जर सरकारी इमारत के ढह जाने से दो मजदूर गंभीर घायल हो गए हैं। विपक्ष द्वारा किए गए 200 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार के आरोप से घिरे BOT प्रोजेक्ट का काम श्रीराम खटोड 2014 से कर रहे हैं। इसी समय बनी दिव्य फोरलेन सड़क के बीच में लगे छातानुमा पेड़ बेरोजगारों को यूरोप के विकसित शहरों में चलने का अहसास दिलाते हैं। जो युवक रोजगार के लिए जर्मनी गए वो भाग्यवान हैं जो नहीं जा सके या भेजे नहीं गए वो भीड़ की शान हैं।
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