मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

नवलसिंह सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित नवल नगर के बहुचर्चित निर्वाचन प्रक्रिया में फिर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के विद्वान न्यायाधीश ने दिनांक 11.03.2025 को शिव कुमार सिंह किसान हितैषी पैनल की ओर से प्रस्तुत की गई याचिका में आदेश पारित करते हुए शक्कर कारखाने के निर्वाचन अधिकारी को आदेशित/निर्देशित किया है कि, उसके द्वारा दिनांक 09.03.2025 को की गयी प्रत्यायुक्तों के सहयोजन की प्रक्रिया का पुनः निराकरण करें। जिसके पश्चात ही दुसरे चरण में होने वाले संचालकों के निर्वाचन सम्पन्न करें। इस प्रकार निर्वाचन अधिकारी द्वारा अपनायी गयी प्रत्यायुक्तों के निर्वाचन प्रक्रिया में हस्तक्षेप करते हुये माननीय उच्च न्यायालय ने संचालकों के निर्वाचन को रोक दिया गया है। जिससे शक्कर कारखाने के निर्वाचन को नया मोड़ आ गया है। हाई कोर्ट द्वारा पारित किए गए आदेश से किसानो में हर्ष की लहर दौड़ गयी है।
उल्लेखनीय है कि, नवल सिंह सहकारी शक्कर कारखाना नवल नगर झिरी, बुरहानपुर में निर्वाचन प्रक्रिया जारी है। जिसमें निर्वाचन अधिकारी द्वारा सहयोजन हेतु दिनांक 09.03.2025 को सभा आयोजित की गयी जिसे कोरम का अभाव दिखाकर निवर्चान अधिकारी ने प्रत्यायुक्तों का बगैर सहयोजन किये सभा को समाप्त कर दिया। जबकी उक्त दिनांक को उज्वल पाटील जो अपने आप को संचेतक कृषक मानते है वह भी सभा को असफल करने के लिए कारखाना परिसर में उपस्थित रहे किन्तु वह सभा में उपस्थित नही रहे जिससे उनकी दोगली नैतिकता प्रकट होती हैं। उक्त सभा को निर्वाचन अधिकारी द्वारा विधि के प्रावधानों के विपरीत जाकर इस सभा को कोरम के अभाव दिखाकर समाप्त कर देने से कारखाने के हितेषी किसानो को गहरा आघात लगा, जिससे प्रत्यायुक्तों के निर्वाचन हेतु पात्र पीड़ित किसानों ने इस निर्वाचन प्रक्रिया के विरुद्ध माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में एक संयुक्त रिट याचिका तत्काल प्रस्तुत की जिसका रिट पीटीशन नं. 8056/2025 है।
उक्त याचिका के सुनवाई में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ने किसानो द्वारा प्रस्तुत किए गए तर्को को गंभीरता से सुना एवं निर्वाचन अधिकारी द्वारा अपनाई गई दूषित निर्वाचन प्रक्रिया के संबंध में प्रस्तुत किये दस्तावेजो एवं विधि के प्रावधानों का गंभीरता से विचार कर दिनांक 11.03.2025 को अपना आदेश पारित करते हुए निर्वाचन अधिकारी को निर्देशित किया की वह विधिवत रुप से एवं किसानों को सहयोजन प्रक्रिया में उचित सुनवाई का अवसर देकर निराकरण करें जिसके पश्चात ही शक्कर कारखाने के संचालकों के निर्वाचन की कार्यवाही शुरु करें। इस प्रकार माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ने सहयोजन की प्रक्रिया पुर्ण करने के पश्चात ही संचालकों का निर्वाचन करने के आदेश निर्वाचन अधिकारी को दिये है। जिससे सहयोजन की दूषित प्रक्रिया से पीड़ित किसानों एवं कारखाना हित में प्रयास रत क्षेत्र के किसानों में हर्ष लहर दौड़ गई है। उन्होने माननीय उच्च न्यायालय के इस आदेश को सत्य की जीत माना है।
उल्लेखनीय है कि नवलसिंह सहकारी शक्कर कारखाना प्रदेश का सर्वोच्च कारखाना जो निमाड के जननेता स्व. ठा. शिव कुमार सिंह ने 4 दशक पूर्व अपनी कड़ी मेहनत से खड़ा किया था। जिससे प्रत्येक्ष रुप से 8500 कृषक जुड़े है एवं हजारों बेरोजगारों को यह कारखाना रोज़गार प्रदान कर रहा हैं। जिसे कई विरोधी ताकते अपने दबाव प्रभाव से हथियाना चाहते है। वर्तमान परिपेक्ष्य ठाकुर परिवार इस कारखाने को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। किसानो का मानना है कि यह कारखाना ठाकुर परिवार के हाथ में ही रहना चाहिए जिस कारण कारखाने से जुड़े समस्त किसान ठाकुर परिवार का साथ दे रहे है। इस स्थिति को देखते हुए कारखाना विरोधी ताकते शासन प्रशासन का साथ लेकर सत्ता के प्रभाव से अघिकारियों पर दबाव बनाकर कारखाने के किसानों के हितों एवं अधिकारो का हनन कर रहे है, तथा निर्वाचन को प्रभावित कर रहे है। इस परिपेक्ष्य में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश कारखाना विरोधी पक्ष पर कड़ा तमाचा है। इस आदेश को किसानो ने अपनी जीत बताकर ठाकुर पैनल की जीत निरुपित किया है।
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