शेरा मिश्रा/अविनाध द्विवेदी, कैमोर-कटनी (मप्र), NIT; कैमोर उद्योगीक नगरी से लगा हुआ पहाड जहाँ जंगली जानवरों का रैन बसेरा रहता है, अकसर घूमते फिरते जंगली जानवर कैमोर एसीसी सीमेंट प्लांट के कन्वेयर बैल्ट की असुरक्षित जालियों में फंसकर अपनी जान गंवा देते हैं। आज रविवार 17-12-2017 को सुबह कैमोर पहाड़ी से उतर कर कैमोर तिलक चौक समीप दो जंगली साभर कैमोर कंवेयर बैल्ट की जालियों के बीच देखे गए, कुछ समय बाद वही साभर मृत हालत में पडे मिले, जिसमें एक साभर तिलक चौक समीप एसीसी गेट नंबर दो के बाहर मिला जिसे बताया जा रहा है कि उस साभर को एसीसी की बस जो कि कैमोर में महगांव चलती है, उस बस ने ठोकर मारी जिससे जानवर की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। वहीं दूसरा साभर को एसीसी सीमेंट प्लांट में लगे कंवेयर बैल्ट के सुरक्षा गार्डो ने पीट पीट कर मौत के घाट उतार दिया।
आरोप है कि साभर की दोनों घटनाओं को मिटाने की कवायद में एसीसी के अधिकारी लग गये और वन विभाग की सांठ गांठ के साथ वन विभाग के राजेन्द्र पाठक नामक अधिकारी ने वन विभाग के नियमों को दरकिनार करते हुए एसीसी के वाहन से घटना स्थल से दोनों साभरों को उठाकर कार्रवाई के नाम पर गुम कर दिया।विजयराघवगढ़ वन विभाग के अधिकारियों से जब इस विषय पर जानकारी मांगी गई तो बीट प्रभारी राजेन्द्र पाठक ने संतुष्ट जनक जबाब नही दिया। श्री पाठन ने फोन पर हुई बातचीत में घटना होने की पुष्टि करते हुए कहा की पोस्टमार्टम किया जा रहा है। इस जबाब के बाद पाठक ने फोन बंद कर लिया। साथ ही एसीसी मैनेजमेंट के हैड एचआर हेम पांडेय से इस विषय पर चर्चा की गई तो उन्होंने वन विभाग से बात करने की सलाह दी और खुद को अंजान बताया।
वन विभाग क्यों करता है अपने ही विभाग से गद्दारी?
एसीसी पर मेहरबान वन विभाग के अधिकारी दरसल एसीसी की शरण में रहने की वजह से ही अपने विभाग के साथ गद्दारी करते हैं। वन विभाग का बीट अधिकारी एसीसी सोसायटी कॉलोनी में रहते हुए वन विभाग के नियम कानून को दरकिनार कर देते हैं। वहीं जवाबदार अधिकारी महिला रेंजर ने फोन उठाना या जबाब देना उचित नहीं समझती।
कन्वेयर बेल्ट ने ले ली दो जंगली जानवरों की जानें
कैमोर कन्वेयर बेल्ट की बभवजह से दो साभरों की मौत हुई, किन्तु वन विभाग एक ही जानवर के मरने की बात कर रहा है। वही घटना करने वाली बस को मामले से अलग थलग किया गया है, तो दूसरे साभर को मारने वाले सुरक्षा गार्डो को भी इस मामले से दूर कर दिया गया है। वन विभाग ने दो जानवरों की घटना तथा देखने वाले प्रमाणों को भी गलत ठहराया जबकि देखने वालों ने वीडियो व फोटो भी खींची और सुबह से सोशल मीडिया में इस घटना की चर्चा जोरों पर रही है। सोशल मिडीया पर खबर उजागर होने के बाद एक साभर के मृत होने की पुष्टि की गई है, एक का मामला अभी भी वन विभाग के अधिकारियों ने दबा कर रखा। जिला अधिकारीयों को मामले कि जांच कर वन विभाग को दागदार कर रहे अधिकारीयों के विरुद्ध कार्यवाही करनी चाहिए। हालांकि घटना के बाद साभर को एसीसी के वाहन में रखते हुए की विडियो भी वायरल हुई है, जिसमें एसीसी के अधिकारीयों के साथ वन विभाग के राजेन्द्र पाठक मौजूद हैं।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.