जितेंद्र वर्मा, हरदा (मप्र), NIT; पूरे मध्य प्रदेश में जहां मामा के इंजीनियर भांजे चपरासी की नौकरी के लिए तरस रहे हैं वही कृषि उपज मंडी हरदा में पांचवी पास सहायक उप निरीक्षक बनकर नियमों को ठेंगा दिखा रहा है। यह योग्यता आठवीं पास नियुक्ति के समय नाकेदार के लिए निर्धारित थी। अधिकारी-कर्मचारियों एवं संस्था प्रमुख द्वारा शासकीय नीति नियम की अनदेखी अवेहलना कर पद का अनुचित लाभ जानबूझ कर दिया गया।
शासन के लिए चुनौती
यहाँ अधिकारी फर्जी दस्तावेज के सहारे 24 सालों साल से नौकरी कर हैं, साथ ही समय-समय पर पदोन्नति का लाभ लेकर अफसरों की मेहरबानी एवं मिली भगत से मलाई खा रहे हैं और शासन को चूना लगा रहे हैं। यह शासकीय विभाग से भारी-भरकम पेंशन पाने की योजना की जुगाड़ में हैं।
मंडी बोर्ड भोपाल से कारण बताओ नोटिस जारी
सहायक उप निरीक्षक शिवदास पुनासे को मंडी बोर्ड भोपाल द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उसमें बताया गया है कि आपकी योग्यता पांचवी पास है, आठवीं पास होना चाहिए था। बार-बार एडिटर पत्तियों आने के बाद भी निराकरण भी नहीं किया।कारण बताओ नोटिस जारी कर सात दिवस में जवाब मांगा गया है, नहीं तो एक पक्षी कार्रवाई की जाएगी। बार-बार एडिटर पत्ती कारण बताओ नोटिस जारी होने के बाद भी आज तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं होने से ऐसा प्रतीत होता है कि मंडी बोर्ड की मिलीभगत शामिल है।
क्या है मामला?
खिरकिया कृषि उपज मंडी मैं शिवदास पूनासे से शहीद अन्य 4 नाकेदार एवं मौसमी कर्मचारी के पद पर नियुक्त सन 1983 निर्धारित शैक्षणिक योग्यता आठवीं पास होने की पात्रता रखी गई थी। उत्तीर्ण होने के बाद नियुक्ति प्रदान की गई। प्रस्ताव क्रमांक 01 दिनांक 06 09 19 83 नियुक्ति के समय शिवदास पुनासे से पांचवी पास के कारण उसे एक तत्कालीन अध्यक्ष गुलाब दास पाटिल एवं मंडी उप संचालक द्वारा प्रोसिडिंग नोटशीट पर लिख दिया गया कि सशर्त की गई नियुक्ति करता पांचवी पास होने के कारण उसे 1 वर्ष में अपनी शैक्षणिक योग्यता कक्षा आठवीं पास करना है, तो उसे पद पर काबिल रहने का हक होगा अन्यथा हटा दिया जाएगा, मगर इस आदेश की अवहेलना कर नियुक्ति प्राप्त करता द्वारा अपनी शैक्षणिक योग्यता में निर्धारित अवधि में पात्रता हासिल नहीं की है। समय-समय पर आपत्तियां उठने एवं मंडी बोर्ड की ऑडिट भी आपत्ति आने के बाद भी संस्था के अधिकारी कर्मचारियों ने भी अनदेखी की एवं शिवदास पुनासे के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई और समय-समय पर पदोन्नति सहित अन्य लाभ भी दिए गए जो कि उचित व न्याय संगत नहीं हैं, यह अनुचित आपत्तिजनक अवैधानिक एवं दंडनीय है।
इन मामले में मंडी लाखों रुपए में दोषी की चर्चा में रही
- जानकारी के अनुसार पुराने वाहन नीलामी में दोषी दिनांक 30 -12 -2009 को
- किसान सम्मेलन में 175000 की राशि के आनियमन खर्च में 18-02-2010 को दोषी नंबर 3 कैंटीन आवंटन भोजन व्यवस्था के टेंडर में 11- 0 9 -2009 जांच में दोषी नंबर 4 जीरो बजट कीचड़ प्रांगण सफाई के नाम पर फर्जी तरीके से बिलों का भुगतान करीब तीन लाख 64 हजार रुपए का निधि का दुरूपयोग नंबर 5 शिवेश एलुमिनियम फेब्रिकेशन 28 छोटी ग्वालटोली भमोरी इंदौर को फ्लैश के नाम पर करीब 14 लाख रुपए का भुगतान में दोषी पत्र क्रमांक 1071 दिनांक 29 10 2014 नंबर 6 हार्डिंग रिपेयरिंग में करीब 200000 ₹लाख का फर्जी भुगतान 27 7 2014 संयुक्त संचालक द्वारा दोषी नंबर 7 सुरक्षागार्ड क्षमता से अधिक बीना मंडी समिति प्रस्ताव के रखकर लाखों रुपए का एनिमीअत भुगतान किया जांच में दोषी नंबर 8 नाकेदार भर्ती 1983 में मंडी बोर्ड आपत्ती द्वारा एक लिखित आवेदन में बताया गया था कि जिन लोगों द्वारा उनकी नियुक्ति की गई है वे लोग वेतन इसकी भरपाई करेंगे इसके अलावा भी ऐसे कई मामलों में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी निकालने पर खुलासा हुआ खिरकिया मंडी दोषी रहकर चर्चा में रही है।
यह मामला मेरी जानकारी में आया है, फाइल मंगाकर दिखवा लूंगा और मंडी बोर्ड को लिख कर नियम के अनुसार कार्रवाई की जाएगी: एम एस मुनिया मंडी सचिव हरदा।
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