अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:
राजधानी भोपाल में कब्रिस्तानों के हालात किसी से छिपे नहीं हैं। शहर में कभी 200 से ज्यादा कब्रिस्तान हुआ करते थे, जिनमें से अब सिर्फ 15-16 कब्रिस्तान ही बचे हैं। जो बचे हैं इन की भी स्थिति खराब होती जा रही है। कोई भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। तथाकथित संरक्षण समितियां भी कब्रिस्तानों की सुरक्षा करने में असफल साबित हो रही हैं। मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड का हेड ऑफस होने के बावजूद भी कब्रिस्तानों की सुरक्षा नहीं हो पा रही है। तो आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि प्रदेश में कब्रिस्तानों के हालत क्या होगी। जमीअत उल्मा मध्य प्रदेश के प्रेस सचिव हाजी मोहम्मद इमरान ने एक बार फिर कब्रों की बेअदबी की आलोचना की है।
हाजी इमरान ने चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि शहर में लगातार पेड़ों की चोरी, कब्रिस्तानों में शराब पीने और कब्रिस्तानों में कब्रों को अपवित्र करने की घटनाएं हो रही हैं। इसकी शिकायतें मिल रही पर अफसोस की बात है कि कब्रिस्तान संरक्षण समितियों को इस की कोई परवाह ही नहीं है। हाल ही में बड़ा बाग कब्रिस्तान में एक बार फिर से पुराने कब्रों में से हड्डियों का ढेर कचरे में नज़र आया। जिम्मेदार अधिकारी कब्रिस्तानों की सुरक्षा तो दूर, कब्रिस्तानों में दफनाए गए मृतकों की भी सुरक्षा नहीं कर पा रहे हैं, कब्रिस्तानों में सुरक्षा के इंतजाम न होने के कारण आए दिन कब्रिस्तानों में ऐसे नज़ारे देखे जा सकते हैं।
हाजी मोहम्मद इमरान ने मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड से मांग की है कि कब्रिस्तानों की सुरक्षा एवं संरक्षण पर तत्काल ध्यान दिया जाए और शवों की बेअदबी करने वालों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई की जाए। साथ ही साथ कब्रिस्तान सुरक्षा समितियों को कब्रिस्तानों की सुरक्षा के लिए सख्त निर्देश दिया जाए। सभी कब्रिस्तानों में सीसीटीवी कैमरे, लाइटिंग एवं सुरक्षा का इंतजाम किया जाए। टूटे हुए बाउंड्री वॉल की मरम्मत की जाए। शहर में बंद पड़े कब्रिस्तानों को चालू किया जाए। कब्रिस्तानों की साफ सफाई की जाए, कब्रिस्तानों से अवैध अतिक्रमण हटाया जाए तथा कब्रिस्तानों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए।
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