जमशेद आलम, ब्यूरो चीफ, भोपाल (मप्र), NIT:
प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेष अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार ने नेतृत्व में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और आयकर विभाग द्वारा इंदौर, ग्वालियर और भोपाल सहित अन्य दर्जनों ठिकानों पर की गई छापेमारी एवं सौरभ शर्मा एवं मंत्री गोविंद राजपूत की बर्खास्तगी एवं सीबीआई जांच की मांग को लेकर राजधानी भोपाल के इंडियन कॉफी हाउस से मंत्री गोंविद राजपूत के बंगले तक पैदल मार्च कर विरोध प्रदर्षन किया किया गया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन एसीपी श्री पांडेय जी को सौंपा गया।
श्री अहिरवार ने प्रदर्शन एवं घेराव कार्यक्रम के दौरान सौंपे ज्ञापन अनुसार बताया कि परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के यहां विगत 19 दिसम्बर 2024 को लोकायुक्त की कार्यवाही के दौरान पड़े छापे में मिली अकूत संपत्ति जिसमें चल और अचल करोड़ों रूपयों की संपत्ति शामिल है, लोकायुक्त द्वारा पड़े छापे के बाद आयकर विभाग द्वारा सौरभ शर्मा के विरूद्व की गई जांच में भी नये खुलासे हुये जिसमें सौरभ शर्मा की डायरी में अनेकों लोगों के नाम मिले, जिसमें पूर्व परिवहन मंत्री श्री गोविंद राजपूत के सौरभ शर्मा से करीबी संबंध उजागर हुये हैं। राजधानी भोपाल से सटे मेंडोरी गांव के एक फार्म हाउस में एक इनोवा गाड़ी में करीब 52 किलो सोना और 11 करोड़ रूपये की नगद राशि पकड़ी गई। सौरभ शर्मा के यहां मिली करोड़ों की अकूत संपत्ति के दौरान ही एक फार्म हाउस में 52 किलो सोना व बड़ी मात्रा में नगदी मिलना एक बड़ी सांठगांठ की ओर इंगित करता है।
श्री अहिरवार ने कहा कि इन दोनों मामलों में सामने आ रही स्थितियों में लोकायुक्त और आयकर विभाग के कमिश्नर और अधिनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों की संदिग्ध भूमिका प्रतीत होती है। लोकायुक्त और आयकर की जांच के बाद ईडी की जांच प्रारंभ होने पर और भी बड़े-बड़े खुलासे सामने आ रहे हैं। सौरभ शर्मा भ्रष्टाचार कांड में हजारों करोड़ रूपयों का भ्रष्टाचार सामने आया है। प्रदेश की भाजपा सरकार में जहां एक ओर भूमाफिया, शिक्षा माफिया, खनिज माफिया संरक्षित हो रहे थे अब सोना-चांदी माफिया भी उभरकर सामने आ गये हैं। जिससे प्रदेश शर्मसार हुआ है।
श्री अहिरवार ने कहा कि इस मामले को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी अनुसूचित विभाग ने ज्ञापन में शामिल बिंदुओं पर मांग की है कि तत्कालीन परिहवन एवं वर्तमान खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत को तत्काल प्रभाव से मंत्रीमंडल से बर्खास्त किया जाये। साथ ही मंत्री श्री गोविंद राजपूत और सौरभ शर्मा की कॉल डिटेल, डायरी एवं दोनों के निवास के सीसीटीवी कैमरों की डिटेल उजागर की जाये। डायरी में मिली जानकारी और उसमें संलिप्त लोगों के नामों, अकूत चल-अचल संपत्ति का खुलासा कर उसे उजागर किया जाये। सौरभ शर्मा की 2016 में परिवहन विभाग में आरक्षक पद पर नियम विरूद्व अनुकंपा नियुक्ति दी गई थी। नियुक्ति के दौरान शासकीय नस्तियां पर की गई सिफारिश की समस्त प्रतियों की जांच कर नियुक्ति देने वाले समस्त अधिकारियों पर विधि सम्मत कार्यवाही की जाये।
श्री अहिरवार ने कहा कि जनवरी 2024 से 30 जून 2024 तक खवासा, मुलताई, मालथौन और चिरौला आरटीओ चैक पोस्ट पर सौरभ शर्मा द्वारा नौकरी से त्याग पत्र देने के बाद भी किसके संरक्षण में सौरभ शर्मा उक्त चेक पोस्टों पर वसूली करता रहा, उसकी जांच हो साथ ही विगत 1 जुलाई 2024 से मप्र सरकार द्वारा परिवहन चेक पोस्ट बंद कर दिये गये हैं, उसके बावजूद भी परिवहन विभाग के आदेशों को धता बताते हुये उड़नदस्ता द्वारा की जा रही अवैध वसूली की जांच करायी जाये। सौरभ शर्मा के यहां पड़े छापे सहित एक दिन पूर्व 18 दिसंबर को आयकर विभाग द्वारा इंदौर, ग्वालियर सहित भोपाल के 49 अन्य स्थानों पर पड़े छापों की संयुक्त रूप से सीबीआई जांच करायी जाये। सरकार इन पहलुओं पर कार्यवाही अथवा सीबीआई जांच नहीं कराती है तो कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग इस मामले को लेकर प्रदेशस्तरीय उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।
इस अवसर पर कांग्रेस अजा विभाग के पदाधिकारीगण सर्वश्री हेमंत नरवरिया, मुकेश बंसल, नीरज चंडाले, कुणाल गजभिये, जगन्नाथ अहिरवार, दर्शन कोरी, टी.आर. गेहलोत, रमेश बकोरिया, शुभम इंद्रासे, दिलावर ओसवाल, शुभम अहिरवार, विनय मालवीय, मणि अहिरवार, प्रवेश परिहार, रविन्द्र पासवान, कृष्णा चौधरी, प्रेमनारायण ठाकरे, कमलेश खातरकर, उमेश महोले, विजय अहिरवार, रिहांस, अजय सोनवाने, सचिन अहिरवार, अखिलेश चौधरी सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसी उपस्थित थे।
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