मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
आल इंडिया हज वेलफेयर सोसाइटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकीत खान खंडवा ने बताया कि शाही जामा मस्जिद बुरहानपुर के पेश इमाम हज़रत सैयद इकराम उल्लाह बुखारी, शाही जामा मस्जिद बुरहानपुर के मुतवल्ली एवं युवा धार्मिक विद्वान हज़रत सैयद अनवार उल्लाह बुखारी क़िब्ला सहित सभी धार्मिक विद्वान के द्वारा मुकद्दस सफ़र ए हज पर जाने वाले हाजी साहिबान से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का कम से कम उपयोग करने की सलाह हज कैंप सहित अनेक अवसरों पर अपने उपदेशों के माध्यम से करते चले आ रहे हैं। इस्लामी धार्मिक विद्वानों द्वारा बार बार इन उपदेशों को दोहराने का एक ही उद्देश्य है कि हाजी साहिबान अल्लाह की इबादत के लिए इस पवित्र स्थान पर जाते हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकीत खान ने बताया कि हज-2024 में सोशल मीडिया पर सऊदी अरब सरकार और हज कमेटी ऑफ इण्डिया की बदइंतेज़ामी को लेकर बहुत से वीडियो वायरल हुए थे।
सस्ती लोकप्रियता वाले कुछ छूट भैये नेता टाईप के लोग भी हज करने गए थे सऊदी पहुँचने के दूसरे दिन ही उन्होंने बदनज़मी की वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। एक ही वीडियो कई व्हाट्सऐप ग्रुपों में सेंड की गई। कुछ पर्सनल भी लोगों को भेजी गई। बाद में जब सभी नज़्म बराबर हो गया। यही नेता टाईप के हाजी साहब आने के बाद सऊदी सरकार की खिदमत का बखान करने लगे। उन्होंने जो विडिओ बनाकर डालना था वो तो डाल दिए। अब तारीफ कर भी रहे हो तो किस काम की ? हद तो तब हो गई जब गैर मज़हब के लोग पूछने लगे क्या इस बार हज यात्री बहुत परेशान हो रहे हैं ? विगत वर्षों में रुबात (staying places) को लेकर भी कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर ऐसा हंगामा किया कि जो रुबात हज सेवकों के प्रयास से मिल जाया करती थी, इन शिकायत के आलोक में अब वह मिलना भी बंद हो गई है। रब्बे करीम के इम्तेहान के तकाज़ों के तहत ऐसी पवित्र जगह जाने पर कुछ कष्ट अगर हो तो ही इबादत में मज़ा आता है। लेकिन सामान्य रूप से देखा गया है कि कई हाजी लोग वहां के फोटोज़ लेकर अपलोड करते हैं। जिसके कारण इबादत भी प्रभावित होती है। और दिखावा भी ज्यादा होता है।
इस कारण ही धार्मिक विद्वान गणों द्वारा अपने उपदेशों के माध्यम से यह अपील करते हैं कि हाजी साहेबान हज के दौरान सोशल मीडिया का कम से कम इस्तेमाल करें, बहुत ज़्यादा ज़रूरत होने पर ही मोबाईल को हाथ लगाएं। वहां मोबाईल कोई ज़रूरत नहीं है बल्कि इससे इबादत में खलल पैदा होने का अंदेशा होता है। बार बार फोटोज़ या विडिओ बनाकर वायरल करना गलत तरीका है। अल्लाह ने अपने घर पर बुलाया है। उस मुक़द्दस जगह हर वक़्त शुक्र अदा करते हुए इबादत में मशगूल रहें। खूब इबादत करें। पूरी उम्मत के हक में खूब दुआ करें। अपने हज-उमराह अरकानों की सही तरीके से अदायगी हो इसकी फ़िक्र करते रहें ।कमज़ोर लोगों की मदद करें। उनके हज-उमराह को सही और मुकम्मल करवाने में उनकी मदद करें, ऑल इंडिया हज वेलफेयर सोसाइटी की मध्य प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष मोहम्मद मोइन उर्फ़ हाजी मतीन अजमल ने बताया कि सऊदी सरकार हाजियों के लिए बेहतर इंतेज़ामात करने की हर मुमकिन कोशिश करती है।
दीगर तंज़िमें और बुरहानपुर के हाजी अब्दुल क़ादिर इब्ने मरहूम डॉक्टर शेख महबूब जैसे कुछ खादिम भी वहाँ अल्लाह के मेहमानों को कोई तकलीफ़ न हो इसके लिए हर वक़्त खिदमत में लगे रहते हैं। वहाँ खिदमत करने वालों का जज़्बा देखते ही बनता है। थोड़ी बहुत कमी-बेशी को नज़र अंदाज़ करना चाहिए, ना कि विडिओ बनाकर पोस्ट या अपलोड करना ?? उनके बेहतर इंतज़ामात पर सवालिया निशान उठाना न्यायोचित नहीं है ? ऑल इंडिया हज वेलफेयर सोसाइटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकीत खान खंडवा ने हिंदुस्तान से आइंदा हज पर जा रहे आज़मीन हज से दर्द मंदाना अपील की है कि इस तरह का कोई काम न करें। सऊदी में हिंदुस्तान से आने वाले हुज्जाज की तारीफ़ की जाती है, उनको तरजीह दी जाती है, इस रिवायत को भी करकरार रखने की कोशिश की जाए। इससे हमारे देश का नाम और मान सम्मान भी गौरांवित होगा।
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