अब्दुल वाहिद काकर, ब्यूरो चीफ, धुले (महाराष्ट्र), NIT:

चालीसगांव में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां के ग्राम पंचायत बहाळ रथाचे के सरपंच राजेंद्र महादु मोरे और लिपिक शांताराम तुकाराम बोरसे को 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए धूलिया एंटी करप्शन विभाग ने रंगे हाथ पकड़ा गया है। दोनों आरोपी तथा निजी दलाल ने शिकायत कर्ता से कोर्ट कचरी में चक्कर लगाने से बचने तथा ग्राम पंचायत का दावा हटाने के एवज में 1500 वर्ग फीट का प्लॉट दिलाने के नाम पर रिश्वत मांग रहे थे। बाद में दस लाख रुपए रिश्वत की मांग की थी लेकिन मामला पांच लाख रुपए में तय किया गुरुवार को पहली किस्त दो लाख रुपए रिश्वत लेते हुए सरपंच राजेंद्र महादु मोरे, लिपिक शांताराम तुकाराम बोरसे और एक अन्य व्यक्ति सुरेश सोनु ठेंगे को गिरफ्तार किया गया है।
क्या है पूरा मामला?

पीड़ित व्यक्ति मौजे बहाळ रथाचे का रहने वाला है। उसकी जमीन पर ग्राम पंचायत ने अपना दावा ठोका हुआ था। उससे किसी व्यक्ति को पट्टे की योजना का धोस दिखाकर इस मामले में पीड़ित सरपंच और लिपिक ने संपर्क किया और उससे 1500 वर्ग फीट का प्लॉट देने के लिए कहा। जब पीड़ित ने मना किया तो आरोपियों ने उससे 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगी, जिसे बाद में 5 लाख रुपये पर तय किया गया।
पीड़ित ने इस मामले की शिकायत धूलिया ब्यूरो पुलिस उप अधीक्षक सचिन सालुंखे से की। विभाग ने जाल बिछाया और आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ लिया।
यह कार्रवाई नाशिक परिक्षेत्र के पुलिस अधीक्षक शमिष्ठा घारगे वालावलकर के मार्गदर्शन में की गई। पुलिस उप अधीक्षक सचिन साळुंखे, पुलिस निरीक्षक पंकज शिंदे, पुलिस निरीक्षक रुपाली खांडवी और उनकी टीम ने इस मामले में सफलता हासिल की। पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है।
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