मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
18 वीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के द्वारा संविधान और संविधान निर्माता डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर जी का अपमान देश के संसदीय इतिहास में दर्ज हो गया। भाजपा हमेशा से लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों के प्रति तिरस्कार दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ती। इस बार तो हद ही पार कर दी। संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन के दलों ने संसद में सरकार से संविधान पर चर्चा की मांग रखी। अदानी मणिपुर संभल जैसे मामलों पर सदन में बहस की मांग लगातार ठुकराए जाने के बाद प्रतिपक्ष की संविधान पर चर्चा की मांग मान ली गई। इस मौके पर कांग्रेस समेत सभी दलों ने सरकार को लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों की प्रतिबद्धता याद दिलाई। समता, समानता और न्याय के आदर्शों पर चलने की सलाह बीजेपी को कतई रास नहीं आई। सत्ता पक्ष ने लगातार विपक्ष को बोलने से रोकने की कोशिश की। यही नहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर जी का अपमान कर संघ और बीजेपी की मनुवादी मानसिकता उजागर कर दी।
अमित शाह ने कहा कि अभी एक फैशन हो गया है अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।
आरक्षण खत्म करने की साज़िश के तहत बीजेपी की संविधान बदलने की कोशिश को 2024 के आम चुनाव में जनता ने नाकाम कर दिया था और बैसाखी सरकार बनाकर लोकतांत्रिक मूल्यों का पाठ पढ़ाया था। लेकिन बीजेपी की ये खींच अब संविधान निर्माता पर निकल रही है और बाबा साहब का अपमान किया जा रहा है। लेकिन दुख की बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमित शाह को सीख देने के बजाय आरोप प्रत्यारोप की राजनीति तेज़ कर दी है।
कांग्रेस समेत संपूर्ण विपक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी से अमित शाह के इस्तीफा की मांग की है, लेकिन मोदी सरकार डॉ आंबेडकर के अपमान को अपराध मानने को तैयार नहीं है। उल्टे बीजेपी ने संसद की कार्रवाई ठप्प रखी। यही नहीं अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस सांसदों के साथ धक्का मुक्की की गई। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को गिरा दिया गया। बीजेपी ने षड्यंत्र के तहत नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ संगीन धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करा दी। बीजेपी और उसकी मात्रा संस्था हमेशा से डॉक्टर अंबेडकर और संविधान विरोधी रही है। इसीलिए ना सिर्फ संविधान के निर्माण के समय से ही विरोध किया गया बल्कि इससे पहले डॉक्टर अंबेडकर को चुनाव हरवाया था। कांग्रेस डॉक्टर अंबेडकर के अपमान को लेकर अमित शाह के इस्तीफा की मांग पर अटल है। जब तक अमित शाह इस्तीफा नहीं देंगे हम विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.