अली अब्बास, ब्यूरो चीफ, मथुरा (यूपी), NIT:
उत्तर प्रदेश पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान, मथुरा के जीव रसायन विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अनिल कुमार श्रीवास्तव के मार्गदर्शन एवं अध्यक्षता में संपन्न हुई । जिसमें देश के 180 शोधकर्ता, वैज्ञानिक तथा शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। समापन सत्र के अध्यक्षता करते हुए, प्रोफेसर श्रीवास्तव ने बताया कि जीव रसायन एवं जैव प्रौद्योगिकी का खाद्य सुरक्षा में हम योगदान है । बढ़ती जनसंख्या के साथ उपजाऊ जमीन का क्षेत्रफल नहीं बढ़ सकता है । ऐसी अवस्था में पशुधन के विभिन्न उत्पाद जैसे दुध, दही, घी, मक्खन, अंडा, मांस आदि खाद्य के प्रमुख स्रोत के रूप में प्रयोग किया जा सकते हैं। उन्होंने समस्त शोधकर्ताओं से आह्वान किया कि वे पशुओं के गर्मी में आने के सही समय की जानकारी तथा ग्याभिन पशुओं के जल्द से जल्द ग्याभिन होने हेतु परीक्षण विकसित करें। जिससे पशुपालक किसान अपने पशुओं को समय कृत्रिम गर्भाधान कराकर अच्छी उत्पादकता प्राप्त कर सके।
उन्होंने कहा कि पशु वैज्ञानिकों को उच्च गुणवत्ता वाले सीमेंन का उत्पादन कर पशुपालकों हेतु उपलब्ध कराना चाहिए । जिससे अच्छी गुणवत्ता एवं उत्पादकता वाले पशु प्राप्त कर सके । जिससे समाज में खाद्य एवं पोषण सुरक्षा सुनिश्चित कराई जा सके। समापन समारोह के मुख्य अतिथि, केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम के निदेशक डॉ. मनीष कुमार जेटली ने बताया कि बकरी खाद्य एवं पोषण सुरक्षा में अहम योगदान देती है । बकरी द्वारा प्राप्त उत्पाद जैसे दूध, मांस आदि खाद्य सुरक्षा के हम घटक हैं । अतः हमें पशुपालकों को वैज्ञानिक तरीकों से बकरी पालन हेतु प्रेरित करना चाहिए । आयोजन समिति के अध्यक्ष, प्रोफेसर विकास पाठक, अधिष्ठाता, पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय ने बताया की पशुओं के विभिन्न उत्पादों को प्रसंस्कृत कर बाजार में उपलब्ध कराना चाहिए।
जिससे पशुधन के उत्पादों से पशुपालकों को अच्छी आय प्राप्त हो सके । जिससे उनका आर्थिक उत्थान हो सके। राष्ट्रीय जीव रसायन संगठन के अध्यक्ष डॉ. बी. पी. मोहंती ने संगठन द्वारा दिए जाने वाले विभिन्न पुरस्कारों के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर संगठन के महामंत्री डॉ सुभाषीश बताबयाल ने राष्ट्रीय संगोष्ठी में की गई विभिन्न विषयों की चर्चाओं का सारांश प्रस्तुत किया। राष्ट्रीय संगोष्ठी के तकनीकी सचिव, प्रोफेसर अमित सिंह ने संगोष्ठी के दौरान प्रस्तुत किए गए विभिन्न शोध पत्रों की जानकारी दी। आयोजक सचिव प्रोफेसर विजय पांडे ने आगंतुकों का स्वागत एवं अभिनंदन किया । इस अवसर पर डॉ नित्यानंद पांडे, प्रोफेसर देश दीपक सिंह, प्रोफेसर अरविंद कुमार त्रिपाठी, प्रोफेसर बृजेश यादव, प्रोफेसर अतुल प्रकाश, प्रोफेसर लक्ष्मी प्रसाद सहित विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षक अधिकारी कर्मचारी तथा परास्नातक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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