अतीश दिपंकर, ब्यूरो चीफ, पटना (बिहार), NIT:
भागलपुर शहर के खलीफा चौक निकट तुलसी परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन पूज्य ऋषिवर किरीट भाई ने कहा कि, अपने माँ-पिता के जीते जी श्रद्धा करो मरने के बाद श्राद्ध आह का फल मिलेगा। उन्होंने कहा कि, माँ-बाप को खुश रखो। ईश्वर हमें देता ही है देने के लिए।
कथा में श्री किरीट ने आनन्द और सुरत के अंतर को बताया। उन्होंने कहा कि, आपका व्यवहार ही आपका परिचय है। दुख में आपको होश आता है, प्रभु को याद आते हैं। आदमी विनम्र होता है। अतः दुख को भी प्रभु का ही प्रसाद समझना चाहिए।
गोपी गीता के श्लोकों का अदभूत उद्बोधन गुरूजी ने किया। पूरा पंडाल भक्तिमय और आध्यामिक हो गया। गोपी- गीत की मधुर धून से पुरा कथा स्थल झुम उठा।
किरीट भाई ने सभी नृत्य करने वालों को कन्हया मिलने का आर्शीवाद दिया।
“कथा का मुख्य आकर्षण कृष्ण रुक्मणी विवाह था। यह अद्भुत दृश्य था। विवाह की शोमा अती न्यारी थी।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर राज्य कर अपर आयुक्त गोपाल अग्रवाल उपस्थित थे। इसके अलावा स्वराज, सुनील बुधिया, अशोक भिवानी वाला, सुनील खेतान, संजय बाजीरिया, दीपक रूंगटा, कार्तिक गुडेवाल, अमन, अंकित, कृष गुडेवाल सहित कई लोग मौजूद थे।
इसकी जानकारी राजेश खेतान ने दी है।
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