संदीप शुक्ला, ग्वालियर(मध्यप्रदेश), NIT;
कलेक्टर डाॅ संजय गोयल ने राष्ट्रीय पुनरीक्षित क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत सहरिया आदिवासी ग्रामों में क्षय रोगियों की पहचान एवं उपचार के लिए विशेष अभियान चलाये जाने के निर्देश दिये हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला ग्वालियर ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया है कि कलेक्टर महोदय जिला ग्वालियर के निर्देशानुसार जिले के 50 सहरिया आदिवासी ग्रामों में क्षय रोग की पहचान एवं उपचार हेतु डोर-टू डोर सर्वे किया जायेगा तथा सभी संदेहास्पद क्षय रोगियों के कफ की जांच करायी जायेगी। यदि कफ की जांच में ए.एफ.पी. निगेटिव्ह भी पाया जाता है तो पुष्टि स्वरूप संबधित मरीज का एक्सरे चेस्ट कराया जायेगा तथा क्षय रोग की पुष्टी हो जाने पर पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत डाॅट्स पद्वति से दवाई दिलाकर उपचार किया जायेगा।
इस संबध में आज दिंनाक 08.01.2017 को डा0. मसूद अख्तर संचालक, राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम , एवं आई.ई.सी.ब्यूरों म.प्र. द्वारा उनके ग्वालियर प्रवास के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डा एस.एस.जादौन ,जिला क्षय अधिकारी डा मनीष शर्मा एवं डी.एच.ओ-1 डा गजराज सिंह गुर्जर तथा अन्य अधिकारियों के साथ बैठक में निर्देष दिये कि सहरिया बाहुल्य ग्रामों में क्षय रोगियों की संभावना को देखते हुये इन ग्रामों में सघन सर्वे अभियान चलाया जाये तथा चिन्हांकित क्षय रोगियों को डाॅटस पद्वति से नियमित उपचार कर उन्हें समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जाये। उल्लेखनीय है कि सहरिया ग्रामों में क्षय रोगियों के उपचार के लिए मध्यप्रदेश में 8 जिलों को चिन्हांकित किया गया है जिसमें ग्वालियर भी शामिल है। सर्वे का काम 01.02.2017 से 15.02.2017 के बीच किया जायेगा।
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