रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
झाबुआ कलेक्टर नेहा मीना ने कृत संकल्पित होकर झाबुआ को कुपोषण से मुक्त करने हेतु अभियान प्रारम्भ किया है इसी कड़ी में मोटी आई को आयुष विभाग के माध्यम से आयुर्वेद अनुसार अभ्यंग (मालिश) किये जाने का प्रशिक्षण दिया गया जिसके तहत प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्रों पर कुपोषित बच्चों को मोटी आई के द्वारा निरन्तर अभ्यंग (मालिश) की जा रही है अभ्यंग (मालिश) के फायदे कुपोषण मुक्त झाबुआ में अभ्यंग (मालिश) के माध्यम से शरीर और मन की ऊर्जा का संतुलन बनता है।
बच्चों की बेहतर नींद में मदद करती है, तनाव कम होता है और मांसपेशियों को आराम मिलता है, मांसपेशियों को बल (ताकत) मिलता है, मालिश से बच्चों को भूख अच्छी लगती है, रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है, वातरोग के कारण त्वचा के रूखेपन को कम कर वात को नियंत्रित करता है, शरीर का तापमान नियंत्रित करता है, शरीर में रक्त प्रवाह और दूसरे द्रवों के प्रवाह में सुधार करता है, मालिश से त्वचा चमकदार और मुलायम बनती है, अभ्यंग से त्वचा की सारी अशुद्धियां दूर हो जाती है, पूरे शरीर में ऊर्जा और शक्ति का संचार होने लगता है, मालिश से शरीर में रक्त परिसंचरण बढ़ता है, शरीर से सभी विषैले तत्व बाहर निकलते हैं।
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