‘‘राष्ट्रीय पैथोलॉजी दिवस’’ पर बिम्ट्स महाविद्यालय में आयोजित हुए अनेक कार्यक्रम | New India Times

मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

‘‘राष्ट्रीय पैथोलॉजी दिवस’’ पर बिम्ट्स महाविद्यालय में आयोजित हुए अनेक कार्यक्रम | New India Times

ईस्वम एकेडमी ऑफ टेक्निकल एण्ड जनरल एज्युकेशन बुरहानपुर द्वारा ग्राम झिरी ज़िला बुरहानपुर में संचालित प्रो. बृजमोहन मिश्रा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एण्ड टेक्निकल साइंसेस (BIMTS ) बुरहानपुर में ‘‘राष्ट्रीय पैथॉलॉजी दिवस’’ पर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। विश्व पैथॉलॉजी दिवस की इस वर्ष की थीम ‘‘द राइज ऑफ ग्लोबल एन्टीमाईक्रोबायल’’ है जिसका अर्थ होता है ‘‘वैश्विक रोगाणुरोधी का उदय’’ रही।

संस्था के जनसंपर्क अधिकारी मिर्ज़ा राहत बेग ने बताया कि ‘‘राष्ट्रीय पैथॉलॉजी दिवस’’ पर आयोजित इस कार्यक्रम में संस्था अध्यक्ष श्रीमती राखी मिश्रा, मुख्य अतिथि पैथॉलॉजीस्ट डॉ.रमेशचंद्र दलाल, प्राचार्य सैय्यद आसिफ अली, प्रशासनिक अधिकारी विशाल गोजरे, पैरामेडिकल के उपप्राचार्य डॉ.जैनुद्दीन अली ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में बी.एम.एल.टी. एवं डी.एम.एल.टी. के विद्यार्थियों ने लघु नाटिका, पोस्टर प्रदर्शन, पॉवर पाईंट प्रेजेंटेशन एवं भाषण के माध्यम से रक्त परीक्षण एवं रोग निदान के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्रस्तुत की।

कार्यक्रम के अतिथि डॉ.रमेशचंद्र दलाल ने रोगों की उत्पत्ति के कारण, रक्त परीक्षण कर उसके होने की संभावनाएं एवं उसके निदान के लिए गए गए उपायों के विषय में विस्तृत जानकारियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि पैथॉलॉजी दिवस की थीम का अर्थ यह कि घातक एवं जानलेवा बीमारियों से रोकथाम में बचाव के लिए मेडिकल एवं फार्मेसी रिसर्च सेंटरों में विभिन्न परीक्षणों के पश्चात् ऐसी दवाईयों का निर्माण किया जाना,जोकि टीके के रूप में उपलब्ध हो सके। वैक्सीन के रूप में उपलब्ध दवाईयों के उपयोग से जानलेवा बीमारियों से बचा जा सकता है।

वर्ष 2020-2021 में संपूर्ण विश्व में फैली कोरोना बीमारी इसका ज्वलंत उदाहरण है इस बीमारी से संपूर्ण विश्व में लाखों-करोड़ों लोगों की मृत्यृ हो गई थी। कोरोना बीमारी के रोकथाम के लिए भारत में ही नहीं अपितु अमेरिका, जापान, चीन जैसे विकसित देशों ने वैक्सिन का निर्माण किया। भारत में रिकार्ड तोड़ 120 करोड़ से अधिक कोविशिल्ड, कोवैक्सिन एवं स्पूतनिक-वी वैक्सिन लगाए गए। बीमारियों के समय पर लक्षण का पता चलने पर इसका ईलाज संभव है। इसमें महत्वपूर्ण भूमिका पैथॉलॉजी विभाग की रहती है। वर्तमान में आधुनिक संयंत्रों के माध्यम से रोगी के रक्त एवं मूत्र का परीक्षण कर उसके रोग पता कुछ ही समय में चल जाता है।

कार्यक्रम में अतिथियों के रूप में महाविद्यालय के बी.एम.एल.टी. के भूतपूर्व विद्यार्थी जितेन्द्र तिरोले, नसीम गवलकर, नरेन्द्र महाजन, तुलसीराम राठौड, पवन ठाकरे, रूषाली महाजन, अमित दामने, अफरीदी अनवर खान, छगन राठौड एवं मोहम्मद गुफरान आदि उपस्थित रहे। जो वर्तमान में शासकीय चिकित्सालयों एवं निजी चिकित्सालयों तथा पैथॉलॉजी सेंटरों पर अपनी सेवायें दे रहे है।


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By nit

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