अब्दुल वाहिद काकर, ब्यूरो चीफ, धुले (महाराष्ट्र), NIT:
सड़कों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई आरटीओ जांच चौकियां अब भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुकी हैं। परिवहन अधिकारी से लेकर इंस्पेक्टरों की मनमानी और रिश्वतखोरी आम बात हो गई है। खानदेश में दो परिवहन कार्यालय हैं एक धुलिया में जिसके मातहत नवापुर की दो सीमा जांच चौकी आती हैं। अभी जलगांव में नवनिर्मित परिवहन कार्यालय के तहत रावेर और मुक्ताई नगर में जांच चौकियां हैं। इनमें सबसे मलाईदार नवापुर, मुक्ताई नगर, शामिल है।
इन चौकियों पर इंस्पेक्टर की तैनाती अवैध वसूली को ध्यान में रख कर की जाती है, जो इंस्पेक्टर अधिक बोली लगाता है उसे महीने भर की ड्यूटी लाखों रुपए की घूस लेकर दी जाती है। जिसका खुलासा परिवहन विभाग के इंस्पेक्टर अधिकारियों ने खुद ही किया है।
गुरुवार को रिश्वत खोरी के मामले में गिरफ्तार परिवहन अधिकारी दीपक पाटिल ने गिरफ्तारी और जांच से बचने के लिए कथित तौर पर बीमारी का बहाना कर जिला मेडिकल कॉलेज तथा अस्पताल में भर्ती कराया है। वहीं उनके निजी दलाल एडीसी भीखन भावे को गिरफ्तार किया है। जिसे शनिवार तक पुलिस हिरात के आदेश न्यायालय ने द्वारा दिया गया है। इस पूरे मामले में जलगांव एसीबी कार्यालय की भूमिका भी संदिग्ध रही है। गुरुवार को खबर कवरेज करने गई मीडिया को कार्यालय से खदेड़ दिया गया। वहीं आरटीओ ऑफिस के इंस्पेक्टर सावंत और देर रात तक अन्य अधिकारी भी एसीबी कार्यालय में दिखाई दिए जिसके चलते
संभाजी नगर एंटी करप्शन ब्यूरो की दबिश को मैनेज करने का आरोप सामाजिक कार्यकर्ता गणेश ढेंगे ने लगाया है।
धूलिया नंदुरबार जलगांव एंटी करप्शन ब्यूरो के होते हुए भी शिकायतकर्ता इंस्पेक्टर में संभाजी नगर ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई थी बताया जाता है कि परिवहन कार्यालय जलगांव और धूलिया के द्वारा अवैध कमाई की बड़ी रकम की बंदर बांट में सरकारी कार्यालयों के चपरासी आलाधिकारी से लेकर मंत्रालय तक आर्थिक रसद पहुंचाई जाती है जिसके चलते आरटीओ विभाग के भ्रष्ट कर्मचारियों का बाल भी बांका नहीं होता है।
गौरतलब हो कि इससे पहले भी परिवहन कार्यालय धूलिया के तत्कालीन परिवहन अधिकारी को भी इंस्पेक्टर गजेंद्र पाटील से 4:30 लख रुपए रिश्वत लेने के मामले में 24 जुलाई 2019 में गिरफ्तार किया था। जिसमें अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। उस समय भी देवपुर पुलिस स्टेशन में तत्कालीन आरटीओ तड़वी को वीआईपी ट्रीटमेंट देने के आरोप लगे थे।
इसी तरह 5 दिसंबर को जलगांव परिवहन कार्यालय में नवापूर चेक पोस्ट पर तबादले के बदले अपने ही विभाग के निरीक्षक से तीन लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए आरटीओ दीपक पाटिल को छत्रपती संभाजी नगर एसीबी ने गिरफ्तार किया है। इस मामले में एक निजी दलाल दलाल भीखन भावे
भी गिरफ्तार हुआ है।
नियुक्ति के 51वें दिन ही रिश्वत लेते पकड़े गए
गुरुवार शाम को भीखन भावे ने शिकायतकर्ता से मेहरूण लेक के पास स्थित अपने लेक अपार्टमेंट में परिवहन अधिकारी दीपक पाटिल के आदेश पर रिश्वत राशि ली, तभी उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद आरटीओ दीपक पाटिल को उनके कार्यालय से हिरासत में लिया गया। दोनों आरोपियों के खिलाफ एमआईडीसी पुलिस में मामला दर्ज किया गया है।
इंस्पेक्टर सुनील ठाकुर दीपक पाटिल के लिए अपशगुन साबित हुए हैं। न चाहते हुए भी परिवहन अधिकारी दीपक पाटिल ने जलगांव संभागीय कार्यालय का पदभार ग्रहण किया था और 51वे दिन नवापुर सीमा जांच चौकी पर ड्यूटी लगाने के एवज में तीन लाख रुपए रिश्वत निजी दलाल के माध्यम से लेने के आरोप में गिरफ्तार किए गए।
इंस्पेक्टर सुनील ठाकुर रहे अपशगुन
गौरतलब हैं कि धुलिया संभागीय आरटीओ कार्यालय के परिवहन अधिकारी को रिटायर्ड होने से 6 महीने पहले धूलिया में रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उस समय आरटीओ इंस्पेक्टर सुनील ठाकुर धूलिया में तैनात थे और तत्कालीन परिवहन अधिकारी परवेज तड़वी के खास मैनेजमेंट कार्यों में शामिल थे। इसी तरह जलगांव में भी सीमा जांच नको पर पुलिस पेट की ड्यूटी लगाने में इंस्पेक्टर सुनील ठाकुर की अहम भूमिका थी वह दीपक पाटिल निकटवर्ती इंस्पेक्टर रहे हैं।
जनता का शोषण: सीमा जांच चौकियों पर वाहन चालकों से इंस्पेक्टर अपनी मनमानी से आम जनता का शोषण कर रहे हैं। उन्हें कार्यालय ड्यूटी करने में कोई रूचि नहीं है। जबकि जांच ना आंखों पर ड्यूटी करने के लिए प्रति माह परिवहन अधिकारी उप प्रादेशिक अधिकारी को लाखों रुपए का नजराना पेश किया जा रहा है।
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