वी.के. त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:
जमीनी विवाद में दो पुत्रों और पिता को देनी पड़ी जान, मैलानी पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी ग्रामीणों में दिखा आक्रोश। थाना मैलानी पुलिस की लापरवाही के चलते एक परिवार के तीन सदस्यों को आत्महत्या करने को मजबूर होना पड़ा। दो ने फांसी के फंदे पर व एक ने ट्रेन से कटकर जान दे दी। मैलानी थाना क्षेत्र के बांकेगंज पुलिस चौकी अंतर्गत ग्रंट नंबर 11 के बाबूपुर गांव में ज़मीनी विवाद में 24 घंटे के अंदर तीन लोगों को आत्महत्या करने के लिए विवश होना पड़ा।
गुरुवार को 63 वर्षीय रामनरेश का शव कमरे में लटकता मिला था। जिसे पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया था। शाम को शव के आने के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया। सभी घर में ही थे। ग्रामीणों के मुताबिक आरती निगम ने मुकेश और सुधीर के सामने कुछ न बिगाड़ पाने की बात कही। इससे दोनों खुद को असहाय महसूस करने लगे। सुबह 20 वर्षीय सुधीर उठकर रेलवे लाइन की ओर गया और वहां ट्रेन के नीचे आकर उसने आत्महत्या कर ली। सुधीर के रेलवे ट्रैक पर पड़े होने की सूचना मिलने पर अधिकांश ग्रामीण भागते हुए वहां पहुंचे। वहां उन्हें सुसाइड नोट भी मिला।
अपने ताऊ के बेटे रमेश के नाम लिखे सुसाइड नोट में सुधीर ने लिखा कि रमेश भैया मुकेश का ख्याल रखना हम जा रहे हैं ऊपर। आरती, शिवम, रामदेवी पर कठोर कार्रवाई करना। राम देवी ने हमारा घर बर्बाद कर दिया। पापा को मार दिया। राम देवी से 50000 रुपए ले लेना सर जमीन विवाद से मेरे पापा की मृत्यु हो गई। रामदेवी आरती के कहने पर हम आत्महत्या करने जा रहे हैं। आरती ने हमारा सब कुछ बर्बाद कर दिया है। शिवम ने मेरे पिता की हत्या की है। कुछ देर बाद जब वापस आए तो 24 वर्षीय बड़े बेटे मुकेश का शव घर के अंदर अलमारी से टंगी तौलिया से लटका मिला। शव मिलते ही पूरे गांव में हड़कंप मच गया। घर में पिता और उसके दो बेटे ही रहते थे। तीनों की मौत ने पूरे क्षेत्र में पुलिस की कार्यप्रणाली और रामदेवी तथा उसकी बेटी आरती निगम की ही चर्चा चलने लगी।
आरोपी रामदेवी की नंद का विवाह तिलकपुर निवासी रामनरेश के साथ करीब 30 वर्ष पूर्व हुआ था। 20 वर्ष पूर्व रामनरेश की पत्नी की मौत बीमारी से हो गई। पत्नी की मौत के बाद रामनरेश की मानसिक स्थिति खराब हो गई। उसने अपनी 24 बीघा जमीन में से 12 बीघे जमीन बेच दिया। जब राम देवी के पति सुंदरलाल ने अपनी बहनोंई की दयनीय मानसिक स्थिति देखी तो भांजों के भविष्य की चिंता करके अपने बहनोई रामनरेश और दोनों भांजे को अपने गांव बाबूपुर ले गए।
ग्रामीणों के मुताबिक अपने बहनोंई रामनरेश के पैसे से बाबूपुर में जमीन खरीदी और मकान बनवाकर उन्हें रहने के लिए दे दिया। पिता और दोनों पुत्र अपनी खेती के साथ सुंदरलाल की खेती का भी काम करने लगे। सुंदरलाल ने भी अपने मामा होने का धर्म निभाते हुए बड़े भांजे मुकेश को बीएससी और बीटीसी कराया। छोटे भांजे सुधीर को भी पढ़ाया लिखाया। दो वर्ष पूर्व सुंदर लाल की मौत हो गई। उसके बाद उसकी पत्नी रामदेवी तथा बेटे और बेटी रामनरेश और उनके दोनों बेटों पर आधा मकान छोड़ने का दबाव बनाने लगे। जिससे वे काफी परेशान रहने लगे। इसी बात को लेकर कई बार विवाद भी हुआ। रामदेवी का कहना था कि यह मकान मेरे पति ने मेरे नाम करवा दिया था। जबकि उसके पास इसका कोई सबूत नहीं है। राम देवी की सात बेटियां व एक पुत्र है।
रामदेवी की पुत्री आरती निगम पुलिस विभाग में भर्ती हो गई तो उसे अधिक बल मिल गया। जब मामला बांकेगंज पुलिस चौकी पहुंचा तो पुलिस ने रामनरेश और उसके पुत्र सुधीर को डरा धमकाकर बुधवार को सुलह भी करवाया। ग्रामीणों के मुताबिक बांकेगंज पुलिस चौकी के सिपाही ने सुधीर से पांच हजार रुपए भी लिए। घर आने के बाद रामनरेश काफी हताश और निराश था जिससे उसने रात में आत्महत्या जैसा कदम उठाया। कुछ न बिगाड़ पाने के ताने से आहत दोनों बेटों ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया। घटना की जानकारी होते ही।
दर्दनाक सूचना पाकर बाबूपुर घटना में मृतकों के शव के अंतिम संस्कार के लिए पलिया विधायक रोमी साहनी ने आर्थिक सहायता राशि 25 हजार रुपये दिए। घटनास्थल पर एसडीएम गोला विनोद कुमार गुप्ता, पुलिस अधीक्षक गणेश प्रसाद शाहा व एडिशनल एसपी नैपाल सिंह, पुलिस क्षेत्राधिकारी गोला गवेंद्र पाल गौतम, थाना प्रभारी राजेश सिंह मैलानी बांकेगंज चौकी प्रभारी जितेंद्र कुमार कुकरा चौकी प्रभारी जितेंद्र सिंह यादव संसारपुर चौकी प्रभारी मोहित पुंडीर सहित भारी पुलिस फोर्स के मौक-ए- वारदात पर पहुंचे। पुलिस ने रामदेवी, आरती निगम, शशि बाला व शिवम पर मुकदमा पंजीकृत कर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
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