जमशेद आलम, ब्यूरो चीफ, भोपाल (मप्र), NIT:
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 100 दिवसीय निक्षय शिविरों का आयोजन 07 दिसंबर से 25 मार्च 2025 तक आयोजित किया जा रहा है। अभियान का उद्देश्य टीबी उन्मूलन के प्रयासों को और अधिक गति देना और जन-जागरूकता को बढ़ावा देना है। अभियान का राष्ट्र व्यापी शुभारंभ 7 दिसंबर को होगा। शुभारंभ में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जेपी नड्डा, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री वर्चुअली जुड़ेंगे।
भोपाल में पलाश रेजिडेंसी में आयोजित शुभारंभ कार्यक्रम में राज्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग श्री नरेंद्र शिवाजी पटेल, भोपाल के संसद श्री आलोक शर्मा, विधायक श्री भगवान दास सबनानी, महापौर श्रीमती मालती राय, नगर निगम अध्यक्ष सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहेंगे।
यह अभियान प्रदेश के 23 उच्च-प्राथमिकता वाले जिलों नरसिंहपुर, दतिया, सिंगरोली, डिन्डौरी, खण्डवा, कटनी, अनुपपूर, अलीराजपुर जबलपुर, नीमच, रतलाम, मंदसौर, छतरपुर, उज्जैन, सीधी, श्योपुर, बैतूल, छिन्दवाडा, विदिशा, दमोह, मंडला, सीहोर एवं सिवनी में आयोजित होगा। इस शिविर का उद्देश्य उच्च जोखिम वाले मरीजों की स्क्रीनिंग, जांच और उपचार प्रदान करना है। अभियान के तहत आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों और टी.बी. के मरीजों की स्क्रीनिंग, जांच एवं जागरूकता गतिविधियां की जाएगी।
मधुमेह के मरीजों, कुपोषित, धूम्रपान करने वाले, शराब सेवन करने वाले, पूर्व टीबी मरीज, संपर्क व्यक्ति और एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों को लक्षित कर गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। शिविरों का आयोजन प्रमुख सार्वजनिक स्थानों जैसे रेलवे और बस स्टेशनों, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों और स्वास्थ्य केंद्रों पर किया जाएगा। नि-क्षय शिविरों का आयोजन कारखानों, उद्योगों, ईंट भट्टों, निर्माण स्थलों, क्रेशरों पर किया जायेगा ताकि श्रमिक वर्ग और अन्य संवेदनशील वर्गों तक इस अभियान का लाभ पहुंच सके।
अभियान के तहत पंचायतों, शहरी स्थानीय निकायों, स्व-सहायता समूहों, जन आरोग्य समिति, महिला आरोग्य समिति, ग्राम स्वास्थ्य पोषण एवं स्वच्छता समिति के साथ मिलकर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। नए निक्षय मित्रों और टीबी चैंपियंस/विजेताओं की पहचान की जाएगी ताकि उनकी सहभागिता से अभियान को और गति दी जा सके। त्योहारों और मेलों के दौरान धार्मिक गुरुओं के माध्यम से जागरूकता संदेश प्रसारित किए जाएंगे और स्कूलों और कॉलेजों में कला और सांस्कृतिक गतिविधियाँ, रैलियाँ आयोजित की जाएंगी। इसके अलावा, टीबी शपथ के आयोजन, स्वास्थ्य विभाग के अलावा अन्य सरकारी विभागों में “नि-क्षय सप्ताह” के आयोजन के तहत जागरूकता सत्र, निक्षय शिविर, प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएंगी।
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