नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
145/288 बहुमत से 13 सीटों की कमी के अंतर पर 132 सीट जीतकर महाराष्ट्र विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनी बीजेपी ने एकनाथ शिंदे और अजीत पवार के सहारे सरकार बना ली है। केंद्र में नरेन्द्र मोदी ने भी नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की बैसाखियों के दम पर तीसरी बार सत्ता हासिल कर ली। महाराष्ट्र के 21 वे मुख्यमंत्री के तौर पर देवेन्द्र फडणवीस के शपथ ग्रहण समारोह को सार्वजनिक उत्सव का स्वरूप देने के लिए प्रदेश भाजपा ने “अब महाराष्ट्र रुकेगा नहीं” इस टैग लाइन पर बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाए। मराठी अखबारों में करोड़ों रुपए के विज्ञापन जारी किए।
इस विज्ञापन में भारत में सामाजिक आरक्षण के निर्माता छत्रपति शाहू महाराज का फोटो नहीं छापा गया है। श्री शाहू जी महाराज ने सन् 1902 में अपनी रियासत कोल्हापुर में शोषित पिछड़े वर्ग के लोगों को नौकरियों में 50% आरक्षण दे कर आरक्षण की नींव रखी थी। महाराष्ट्र में बीते 15 सालों से मराठा, धनगर, लिंगायत, मुसलमानों के भीतर पिछड़ी जातियों को आरक्षण देने की मांग की जा रही है। ओबीसी और अनुसूचित जनजाति में समावेश तथा जातिगत आरक्षण की असंवैधानिक मर्यादा को तोड़ने जैसे मुद्दों के लिए किए जा रहे आंदोलनों का नेतृत्व मनोज जरांगे पाटील कर रहे हैं। 2014 केंद्र में मोदी और राज्य में फडणवीस सरकार आने के बाद मराठा धनगर लिंगायत समाज ने आरक्षण के लिए बड़े पैमाने पर शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन किए।
विपक्ष ने देवेन्द्र फडणवीस को सामाजिक आरक्षण का विरोधी बताया जिसे बीजेपी कि आरक्षण विरोधी नीति ने बार-बार साबित भी कर दिया। आज फडणवीस के शपथ ग्रहण समारोह के लिए प्रकाशित सार्वजनिक निमंत्रण पत्रिका में आरक्षण निर्माता छत्रपति शाहू महाराज का फोटो नहीं छापकर बीजेपी ने आरक्षण प्रार्थी जनता को साफ सुथरे तरीके से यह संदेश देने का प्रयास किया है कि आरक्षण के मसले पर भविष्य में बीजेपी सरकार का स्टैंड क्या होगा। आगामी समय में महाराष्ट्र में चल रही आरक्षण की लड़ाई को हरियाणा और राजस्थान की तर्ज पर सड़क पर उतरकर लड़ा जा सकता है।
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