शमसुद्दोहा, ब्यूरो चीफ, गोरखपुर (यूपी), NIT:
बिजली कर्मचारियों के निजीकरण होने के कारण कर्मचारी हड़ताल पर जा सकता है जिसके क्रम में हड़ताल पे जाने वाले कर्मचारियों की बर्खास्तगी आदि अनेकों कड़ी करवाई होगी। इस पर माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी एवं पीठाधीश्वर गोरक्षनाथ,जो कि आप ईश्वर के समान भी है।सभी कर्मचारी आपके मतदाता एवं सपोर्टर भी हैं इस कारण उपरोक्त प्रक्रिया ठीक नहीं है।
आप प्रांतीय नेताओं से बात करे निजीकरण कोई समस्या का हल नहीं है,, जैसे किसान की फसल कम हो जाती है तो वो खेत नहीं बेचता बल्कि पुनः परिश्रम से दोगुनी उपज इसका तरीका ढूंढता है न कि खेत बेचता है। रूपेश कुमार श्रीवास्तव एवं अशोक पांडेय, गोविंद जी ने ये भी कहा बिजली यदि घाटे में है इस कारण इसे बेचा जा रहा है और अरबों, खरबों की संपत्तियां कौड़ियों के दाम बिक जाएगा ,आज वर्तमान समय में जितना घाटा है उससे ज्यादा बिजली बकाया है।
विशेष तौर पे सरकारी दफ्तरों में एवं अन्य कल कारखनाओं में इसका एक मात्र उपाय है कि प्रांतीय नेताओं को बुलाकर सबके सामने वार्ता करे और घाटा पूरा करने का रास्ता बनाया जाए जिससे भविष्य में भी बिजली विभाग में कभी घाटा न हो कर्मचारी संगठन जिम्मेदारी इस कार्य को करेंगे भी तो घाटा का सवाल ही नहीं उठ सकता इस कारण निजीकरण को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दे इसके अतिरिक्त किसी विभाग का निजीकरण न करे निजीकरण से जनता का नुकसान होगा कर्मचारी का नुकसान का होगा, बेरोजगार नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा निजीकरण से हमारे देश के बच्चे कंगाल हो जाएंगे इसलिए विभागों के बेहतरी के लिए काम किया जाए।
इस से अच्छा है कि संगठन के नेताओं के साथ बात करे और रास्ता निकाल के इस समस्या का निवारण किया जाए न कि निजीकरण किया जाए,, इस से जनता और नौजवानों बच्चों का नुकसान होगा न कि अदानी, अंबानी जैसे पूंजीपतियों का जो कि सारे विभागों को लेने के इच्छुक है और फायदा कमाने के चक्कर में है। वो कभी देश के भविष्य के बारे में नहीं सोच सकते और न ही बच्चों के भविष्य के बारे में। इसलिए माननीय मुख्यमंत्री जी से पुनः हाथ जोड़कर अपील है कि सरकारों में बैठे कुछ ब्यूरोक्रेट सरकार को बदनाम करने के कारण और भरी कमीशन के कारण धीरे धीरे हर विभागों के बेचने के तरफ आमादा है यह कत्तई बर्दाश नहीं होगा कर्मचारी संगठनों को सरकार निजीकरण का फैसला समाप्त करे और देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ बन्द करे।
बैठक में इंजीनियर रामसमुझ, इंजीनियर अनिल किशोर पांडेय, इंजीनियर बृजेश द्विवेदी,इंजीनियर राजकुमार सिंह, इंजीनियर रामकिशुन, राजेश सिंह, पंडित श्याम नारायण शुक्ला, अनूप कुमार, इजहार अली, विनीता सिंह, अशोक सिंह, अशोक पासवान, हरिराम यादव, फुलई पासवान, ओंकारनाथ राय, अशोक शर्मा, संतराम राजेश मिश्रा, जामवंत पटेल, आदि उपस्थित रहे।
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