जमशेद आलम, ब्यूरो चीफ, भोपाल (मप्र), NIT:
आधुनिक समय में दिनों दिन बढ़ रही साइबर अपराधों की घटनाओं पर अंकुश लगाने तथा आगामी समय में आने वाली साइबर चुनौतियों से निपटने के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी एवं पुलिस महानिदेशक महोदय की मंशानुसार भोपाल शहर के सभी थानों में दिनाँक 01 दिसंबर 2024 से साइबर हेल्प डेस्क का शुभारंभ किया जा रहा है। चूंकि साइबर अपराध में दिनों दिन बढ़ोत्तरी होती जा रही है। वर्तमान में आमज़न को साइबर धोखाधड़ी की शिकायत हेतु साइबर शाखा जाकर आवदेन देना पड़ता है।
शहर में एक ही साइबर थाना था एवं अधिकतर थानों से काफी दूर है, जिससे पीड़ितों को शिकायत हेतु साइबर थाने जाने में काफी समय लगता था और काफी परेशानी होती थी। साथ ही विगत कुछ वर्षों में साइबर अपराधों में बेतहासा वृद्धि होने से साइबर शाखा में शिकायतें पेंडिंग हो रही है। इन सभी बिंदुओं को मद्देनजर रखते हुए एवं आमजन की सहूलियत को दृष्टिगत रखते हुए दिनाँक 01 दिसंबर से आवेदक/पीड़ित 5 लाख रुपये तक की धोखाधड़ी/ठगी की शिकायत सम्बंधित थानों में कर सकेंगे। जल्द शिकायत होने से पीड़ित का पैसा साइबर पुलिस त्वरित कार्यवाही कर होल्ड करेगी और रिफंड होने की संभावना काफी बढ़ जाएगी।
उल्लेखनीय है पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों की कार्यकुशलता, तकनीकी नॉलेज बढ़ाने एवं उत्कृष्ट अनुसंधान हेतु नगरीय पुलिस भोपाल के 37 थानों के निरीक्षक से आरक्षक स्तर के लगभग 400 अधिकारी/कर्मचारी को 6 दिवसीय प्रशिक्षण सत्र में NCCRP, JMIS एवं CEIR पोर्टल तथा साइबर क्राइम की रोकथाम, टेक्निकल एनालिसिस, पब्लिक अवेयरनेस, इन्वेस्टिगेशन इत्यादि से संबंधित विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षण में बताया गया कि साइबर क्राइम की शिकायत को किस प्रकार से पोर्टल पर अपलोड करना, फेसबुक, Instagram, x इत्यादि से जानकारी मंगाना एवं बैंक से अकाउंट डिटेल, सीडीआर निकालना, साक्ष्यों एवं जानकारी को एकत्रित करना इत्यादि में सम्बंध में बताया गया।
प्रशिक्षण के दौरान पुलिस उपायुक्त क्राइम श्री अखिल पटेल ने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए बताया कि साइबर क्राइम में अपराध की जड़ तक जाने के लिए चैन सिस्टम से कार्य करना होगा, जिसके लिए तकनीकी ज्ञान और संसाधन होना बेहद जरूरी है। साइबर अपराधों से निपटने एवं भविष्य में आने वाली चुनौतियों के लिए सभी अधिकारी/कर्मचारियों को टेक्नीकल रुप से निपुण एवं कुशल होना बेहद जरूरी हो गया है। प्रशिक्षण में अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त श्री शैलेन्द्र सिंह चौहान ने साइबर क्राइम अनुसंधान में आने वाली तकनीकी दिक्कतें, दीगर प्रदेशों से समन्वय तथा अनुसंधान के दौरान एकत्रित किए जाने वाले डिजिटल साक्ष्य, दस्तावेज़ इत्यादि के सम्बंध में सारगर्भित मार्गदर्शन दिया।
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