जमशेद आलम, ब्यूरो चीफ, भोपाल (मप्र), NIT:
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत सोमवार को आयोजित शिविरों में 800 से अधिक गर्भवती महिलाओं की जांच की गई। शिविरों में इस साल अब तक 3 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं का चिह्नांकन हाईरिस्क के रूप में किया जा चुका है। इन महिलाओं को विशेष चिकित्सकीय देखभाल के साथ नियमित फॉलोअप किया जा रहा है। हाईरिस्क के रूप में पूर्व में सिजेरियन प्रसव, गर्भावस्था प्रेरित उच्च रक्तचाप, गंभीर एनीमिया, हैबिचुअल अबॉर्शन, पूर्व में मृत शिशु जन्म, ग्रैंड मल्टीपैरा, माल प्रेजेंटेशन जैसी विभिन्न जटिलताओं को शामिल किया जाता है।
मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए आयोजित इस अभियान एवं हाईरिस्क महिलाओं को समय पर चिह्नांकित करने के लिए भोपाल कलेक्टर श्री कौशलेंद्र विक्रम सिंह द्वारा समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग भोपाल की प्रशंसा की गई है। अभियान में शासकीय चिकित्सकों के साथ ही निजी क्षेत्र के चिकित्सकों द्वारा भी शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में आकर स्वैक्षिक नि:शुल्क परामर्श दिया जा रहा है। शिविर में पीपुल्स मेडिकल कॉलेज, चिरायु मेडिकल कॉलेज , आरकेडीएफ मेडिकल कॉलेज, सागर मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, अपोलो सेज, बीड़कर क्लिनिक, अशोका आईवीएफ सेंटर, यूनिक हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने परामर्श, जांच एवं उपचार दिया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि भोपाल में सबसे अधिक स्वास्थ्य संस्थाओं में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। सबसे अधिक प्राइवेट संस्थाओं एवं चिकित्सकों की सहभागिता भी भोपाल में दी जा रही है। शिविर में जांच के लिए महिलाओं को लाने एवं घर छोड़ने की सुविधा 108 एंबुलेंस के माध्यम से निशुल्क दी जा रही है। अभियान में 21 निजी सोनोग्राफी केंद्रों में ई रूपी मॉडल के तहत नि:शुल्क सोनोग्राफी भी की जा रही है।
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