जमशेद आलम, ब्यूरो चीफ, भोपाल (मप्र), NIT:
झांसी के रानी लक्ष्मीबाई चिकित्सालय की नवजात शिशु चिकित्सा इकाई में 15 नवंबर 2024 को हुई दुखद अग्नि दुर्घटना के मद्देनजर, चिकित्सा संस्थानों में निवारक उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, भोपाल ने सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने संस्थानों का इलेक्ट्रिकल और फायर ऑडिट अनिवार्य रूप से करवाएं। फायर सिस्टम और फायर एक्सटिंग्विशर की स्थिति चालू होनी चाहिए, उन्हें समय-समय पर रिफिल करवाया जाए, और नियमित फायर ड्रिल आयोजित कर इसका अभिलेखीकरण रखा जाए।
इसके अलावा आकस्मिक निकास द्वार बाधा रहित और सुलभ होना चाहिए। सभी चिकित्सकों, पैरामेडिकल और सहायक स्टाफ को आपातकालीन स्थितियों में वार्ड खाली कराने का प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है और मॉकड्रिल नियमित अंतराल पर कराई जानी चाहिए। विद्युत उपकरणों के इस्तेमाल में विशेष सावधानी बरतने और खुले तारों या बिना प्लग के उपकरणों के उपयोग से बचने के निर्देश दिए गए हैं।
स्वीकृत विद्युत भार से अधिक भार डालने से बचने और आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त विद्युत भार स्वीकृत कराने का सुझाव दिया गया है। ऑक्सीजन और अन्य ज्वलनशील पदार्थ जैसे स्पिरिट, सैनिटाइजर और ईथर को विद्युत उपकरणों या स्विच बोर्ड्स के पास न रखने के निर्देश दिए गए हैं। इन सभी उपायों को लागू करने की जिम्मेदारी संस्थान के प्रभारी की होगी। किसी भी प्रकार की चूक के लिए उन्हें व्यक्तिगत रूप से ज़िम्मेदार ठहराया जाएगा।
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