डीसी और डीआईजी से पूछा कि भागलपुर में हर साल बाढ़ आती है, क्या इसका समाधान नहीं ढूंढा जा सकता?: राज्यपाल | New India Times

अतीश दीपंकर,ब्यूरो चीफ, पटना (बिहार) NIT:

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बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) परिसर में भारत सरकार के खेलो इंडिया प्रोजेक्ट के तहत नव निर्मित इंडोर स्टेडियम (मल्टी पर्पस हॉल) का उद्घाटन किया।
इसके पूर्व कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय हेल्थ सेंटर परिसर में फिजियोथैरेपी एंड योगा बिल्डिंग का भी शिलान्यास किया। कुलाधिपति पटना से हेलीकॉप्टर से भागलपुर पहुंचें। उनका हेलिकॉप्टर टीएनबी कॉलेज के खेल मैदान में लैंड किया गया। हैलीपेड पर जिला प्रशासन की ओर से उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। इसके बाद कुलाधिपति ने हेल्थ सेंटर परिसर में फिजियोथैरेपी एंड योगा भवन का भी शिलान्यास किया। स्थानीय गायत्री परिवार के पंडितों के मंत्रोचारण के साथ कुलाधिपति ने फिजियोथैरेपी एंड योगा भवन की नींव रखी।

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मुख्य कार्यक्रम स्थल इंडोर स्टेडियम आगमन पर कुलाधिपति को विश्वविद्यालय के एनसीसी कैडेटों ने मो. रजी इमाम और राजेश नंदन के नेतृत्व में गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद चांसलर ने स्टेडियम परिसर में स्पोर्ट्स ध्वज को फहराया। मौके पर कुलाधिपति ने नव निर्मित इंडोर स्टेडियम भवन का भी निरीक्षण किए। वे स्टेडियम में निर्मित जिम रूम भी गए जहां की व्यवस्था देखकर उन्होंने प्रसन्नता जताते हुए इसकी सराहना की।कुलाधिपति को कुलपति ने अंग वस्त्र, मोमेंटो और औषधीय पौधा भेंट कर स्वागत किया। म्यूजिक की छात्राओं ने राष्ट्रगान और कुलगीत की प्रस्तुति दी।

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इंडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलाधिपति श्री  आर्लेकर ने कहा कि, विश्वविद्यालय के खेल परिसर को विकसित करने के लिए आज हम यहां उपस्थित हुए हैं। टी एमबीयू आज सभी छात्रों के लिए स्टेडियम समर्पित कर रहा है। उन्होंने कहा कि आप अनुभव करते होंगे कि जहां विश्वविद्यालय का काम ज्ञानार्जन करना होता है, वंही विद्या को आत्मसात भी करना होता है, पढ़ाई करनी होती है। आज एक अलग कार्यक्रम हो रहा है। यह सुखद पहलू है। अब शिक्षा के साथ-साथ खेल-कूद को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

खेल-कूद को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधान मंत्री के नेतृत्व में भारत सरकार ने एक अलग मंत्रालय ही बना दिया है। विभाग को एक नया दायित्व सौंपा गया है, इसे नाम दिया गया है “खेलो इंडिया”। इसके तहत केवल दिल्ली नहीं खेलेगा, बिहार नहीं खेलेगा बल्कि पूरा देश खेलेगा। पीएम अपनी इस सोच को वास्तविक रूप देने के लिए खेलो इंडिया को प्रोत्साहित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इसे अपनी प्राथमिकता में रखा है और यूजीसी एवं खेलो इंडिया के मार्फत निर्देश दिए हैं कि, आपको आपके परिसर में खेल को बढ़ावा देने के लिए अवसर निर्माण करने की आवश्यकता है।

राज्यपाल ने कहा कि, मुझे बहुत खुशी है कि यहां जो प्रोजेक्ट खिलाड़ियों के लिए समर्पित किया जा रहा है, यह काफी सुंदर परिसर है। यहां सभी प्रकार की सुविधाएं हैं। अगर कोई भी यहां आता है और उसकी रुचि खेल में नहीं भी है तब भी यहां की सुविधाओं से वह आकर्षित होकर बरबस ही कहेगा कि मुझे यहां खेलना है। मैने यहां आकर पूरे परिसर को देखा।इंडोर स्टेडियम में खेलकूद की सभी अत्याधुनिक सुविधाएं हैं। यहां का जिम भी काफी उत्कृष्ट है।

जिम में आकर मुझे भी इच्छा हुई कि मुझे भी कुछ एक्सरसाइज करनी चाहिए। मैं जिम के कुछ एपरेट्स पर बैठा। उसे पुश किया। वाकई यहां काफी अच्छी सुविधाएं हैं। इस तरह की सुविधाएं होती है तो हमारे बच्चे निश्चित रूप से आगे बढ़ते रहेंगे। कुलाधिपति ने कहा कि इसको मल्टी पर्पस हॉल कहा गया है। लेकिन उसका उपयोग ज्यादातर खेल-कूद के कार्यों के लिए ही होना चाहिए। अगर खेल के लिए इस भवन का उपयोग नहीं करेंगे तो करोड़ों रुपए की साधन सुविधा पानी में डूब जाएगी। साथ ही खेलकूद के लिए इस स्टेडियम का उपयोग नहीं होगा तो असामाजिक तत्व इसका उपयोग करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि, हमारे विश्वविद्यालय में भी ऐसे लोग हो सकते हैं जो चाहेंगे कि यहां खेल न हो, लेकिन हमें इन सब चीजों से बच के रहना चाहिए।

शिक्षा के केंद्र में यदि ऐसी गतिविधियां होती रहती है, इसका प्रादुर्भाव भी यहां नहीं होना चाहिए। शिक्षा के लिए, खेल के लिए यदि यह विश्वविद्यालय है तो ऐसा कतई नहीं होना चाहिए। ऐसे लोगों को दरकिनार करने की जरूरत है। अनुशासन दिखाने की आवश्यकता है। खेल परिसर में असामाजिक तत्व नहीं आने चाहिए। तिलकामांझी जैसे महान राष्ट्र भक्त, साहसी, देश के प्रति समर्पित भावना हर किसी में होनी चाहिए। यहां बैठे शिक्षकों में और छात्रों में भी ऐसे गुण हों। समाज में जो भी गलत घटनाएं घट रही हैं इसको लेकर हमें सजग और तत्पर रहना चाहिए।

डीसी और डीआईजी से मैने पूछा है कि भागलपुर में हर साल बाढ़ आ जाती है, तो क्या इसका समाधान नहीं ढूंढा जा सकता है। इसको रोकने के लिए कुछ करने की आवश्यकता है। कुछ कीजिए। आपदा के समय यहां के सभी छात्रों को बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए के खड़े रहना चाहिए। आपदा ग्रस्त लोगों की मदद करें।। इस इलाके में, भू प्रदेश में बाढ़ जैसी आपदा ही नहीं आनी चाहिए, इस पर हमें सोचने और काम करने की जरूरत है। विश्वविद्यालय का भी दायित्व बनता है की आपदा के समय विश्वविद्यालय का हर छात्र खड़े रहें। पीड़ितों की मदद करें। विश्वविद्यालय का सामाजिक सरोकार भी है।
    
पिछले दिनों विश्वविद्यालय में घटी घटना बहुत ही अवांछनीय है। किसी के कामकाज में बाधा डालना, रोक देना यह शोभा नहीं देता है। इसमें जो भी लिप्त हैं उन्हें समझना चाहिए। जो हुआ सो हुआ, अगर आगे विश्वविद्यालय में इस तरह की घटना घटती है तो जो भी हमें करना है, हम करने के लिए तैयार हैं। समस्याओं के समाधान के लिए राजभवन का द्वार खुला हुआ है। आप क्यों नहीं आते हैं। अन्य विश्वविद्यालयों के छात्र और कर्मचारी आते हैं। यह घटना नहीं बल्कि दुर्घटना है। मैं इसे दुर्घटना ही कहूंगा। ऐसी दुर्घटना दुबारा होने की जरूरत नहीं है। ऐसी घटनाएं भविष्य में नहीं होनी चाहिए। यहां बैठे सीनेट के सदस्यों को भी इस ओर ध्यान देने और चिंतन करने की आवश्यकता है।

कुलाधिपति ने कहा कि प्रधानमंत्री की इच्छा है की बिहार प्रांत के खिलाड़ी देश भर में खेलें। उन्हें समुचित अवसर मिले। अपनी प्रतिभा और ऊर्जा को विकसित करें। प्रधानमंत्री का सपना है की 2036 में भारत ओलम्पिक की मेजबानी करे। इसके लिए वे खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए खेलो इंडिया के तहत सभी सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं। करीब 20 मिनट के संबोधन के दौरान कुलाधिपति ने खेलकूद को बढ़ावा देने को लेकर काफी जोर दिया।

स्वागत संबोधन करते हुए तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने कहा कि इस विश्वविद्यालय में तीसरी बार कुलाधिपति का आगमन हुआ है। जो हमारे लिए सौभाग्य की बात है। कुलाधिपति की उपस्थिति खिलाड़ियों के लिए उत्साह और प्रेरणा का स्रोत होगा। उन्होंने कहा कि, राजभवन द्वारा पहली बार चांसलर ट्रॉफी का आयोजन पिछले दिनों पटना में किया गया था। जिसमें टीएम बीयू की भी भागीदारी रही थी। यह खेल के प्रति गहरी रुचि, मार्गदर्शन, सार्थक प्रयास है।

बिहार के खेल जगत में यह मील का पत्थर साबित होगा। खेलकूद गतिविधियों को प्राथमिकता देनी चाहिए। भारतीय संस्कृति खेल गौरव का प्रतीक रहा है। खेल व्यक्ति के व्यक्तित्व विकास के साथ-साथ रोजगार का भी साधन है। खेल अनुशासन, नेतृत्व, टीम भावना, सहन शक्ति, शारीरिक, बौद्धिक और मानसिक विकास करते है। यह राष्ट्रीय एकता के लिए भी बहुत जरूरी है।
इंडोर स्टेडियम भागलपुर के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के खिलाड़ियों को एक नई ऊंचाई देगा।
     
कुलाधिपति विश्वविद्यालय के तीन कार्यक्रमों में शरीक हुए। मारवाड़ी महाविद्यालय मे श्री मारवाड़ी पाठशाला समिति बित्ती समिति द्वारा नव निर्मित महिला प्रभाग का भी कुलाधिपति श्री आर्लेकर ने उद्घाटन किए। महिला प्रभाग के उद्घाटन के दौरान बित्ती समिति के अध्यक्ष सज्जन किशोरपुरिया ने कुलाधिपति का स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. लाल, वित्ती कमिटी के प्रभात कुमार केजरीवाल, राम गोपाल पोद्दार, गोपाल राम चौधरी, प्रभारी प्राचार्य डॉ शिव प्रसाद यादव आदि उपस्थित थे। कुलाधिपति भागलपुर टाऊन हॉल में अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत द्वारा आयोजित कार्यक्रम ग्राहक प्रबोधन में भी  बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।
       
गवर्नर के आगमन को लेकर विश्वविद्यालय परिसर सहित कार्यक्रम स्थल तक सुरक्षा के चाक चौबंद की व्यवस्था जिला प्रशासन की तरफ से किए गए थें। जगह -जगह प्रशासन की तरफ से पुलिस बल के साथ मजिस्ट्रेट की भी तैनाती की गई थी। वहीं विश्वविद्यालय की प्रॉक्टर डॉ अर्चना कुमारी साह भी अपने स्तर से व्यवस्था की कमान संभाली हुई थी। कार्यक्रम का मंच संचालन टीएनबी कॉलेज के शिक्षक डॉ मनोज कुमार ने किया। धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव डॉ विकाश चंद्र ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्र गान से हुआ।

कार्यक्रम के सफल आयोजन को लेकर विश्वविद्यालय स्तर पर शिक्षकों की दस कमिटियां बनाई गई थी। सभी कमिटियों को अलग-अलग कार्यों का जिम्मा दिया गया था। मंच पर राज्यपाल के परिसहाय किरण कुमार गौरव जाधव और ओएसडी भी मौजूद थे।

कार्यक्रम में सांसद  अजय मंडल, माननीय डॉ संजीव कुमार सिंह, स्वामी आगमानंद महाराज, प्रमंडलीय आयुक्त दिनेश कुमार, डीआईजी  विवेकानंद, जिलाधिकारी डाॅ० नवल किशोर चौधरी, एसएसपी आनंद कुमार के अलावा सीनेट सदस्य डॉ मृत्युंजय सिंह गंगा, मो. मुजफ्फर अहमद, डॉ गौरीशंकर डोकानियां, मृत्युंजय कुमार तिवारी, डॉ रूबी कुमारी, डॉ उग्र मोहन झा, डॉ अरविंदाक्षन माडम्ब्थ, आशीष कुमार सिंह, डॉ अमित रंजन सिंह, यूडीटीए सचिव विवेक कुमार हिंद, बीएन कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ अशोक कुमार ठाकुर, वित्तीय परामर्शी डॉ दिलीप कुमार , प्रॉक्टर डॉ अर्चना कुमारी साह, डीएसडब्ल्यू डा बिजेंद्र कुमार, पीआरओ डॉ दीपक कुमार दिनकर, एनएसएस कोऑर्डिनेटर डॉ राहुल कुमार, डॉ नवोदिता प्रियदर्शिनी, डॉ निर्मला कुमारी सहित विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारी और आमंत्रित गणमान्य लोग मौजूद थे।


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