इम्तियाज़ चिश्ती, ब्यूरो चीफ, दमोह (मप्र), NIT:
बीते दो दिनों से जिले के स्वास्थ्य सिस्टम पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं फिर चाहे जिला अस्पताल हो या फिर प्रदेश की सबसे बड़ी तहसील के दर्जा हासिल हटा सिविल अस्पताल की कार गुजारियाँ किसी से छिपी नहीं लेकिन जब बीमार अस्पताल का इलाज़ ही वक़्त पर ना हो तो आम लोगों का नाराज़ होकर सड़कों पर उतर आना लाज़मी है। जिले के हटा सिविल अस्पताल में जिस बात का था डर आखिर वही होता नज़र आ रहा है।
वैसे तो जिले भर की स्वास्थ्य सेवाएं सिर्फ और सिर्फ कागज़ों में बेहतर दिखाई दे रही लेकिन ज़मीनी हक़ीक़त इससे कोसों दूर ही बीते दो दिन पहले ही एक घायल व्यक्ति के इलाज़ में हुई लापरवाही ने अस्पताल के सारे राज खोलकर रख दिया सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने खूब चाहा कि मामला तूल ना पकड़े और उल्टा जनता को ही दोषी ठहरा दिया जाए लेकिन ऐसा असल में हो ना सका अब क्षेत्र की जनता के सब्र का बाँध भी टूटता नज़र आ रहा है तभी तो हटा नगर में सिविल अस्पताल के डॉक्टरों के खिलाफ माहौल अब गरम हो चला।
लोग अस्पताल में व्याप्त असुविधाओं से इस कदर नाराज है कि लोगों ने नाराज़ होकर सड़कों पर उतरकर अपना विरोध जताना शुरू कर दिया और हटा नगर की आम जनता हाथों में काले झण्डे लेकर एसडीएम कार्यालय तक पहुँचे और सूबे के राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। दो दिन पहले ही हटा अस्पताल से ख़बर निकलकर सामने आई थी कि किस तरह यहाँ के स्टाप और डॉक्टरों की मनमानी चलती है और लापरवाही इस कदर के मज़ाल तो है कि कोई आवाज़ उठा ले एक व्यक्ति को सर्प दंश से घायल अवस्था में हटा सिविल अस्पताल लाया गया था लेकिन मरीज को वक़्त पर इलाज मुहैया ना हो सका और व्यक्ति ने दम तोड़ दिया था।
इस बात से नाराज़ परिजनों ने अपना विरोध जताया तो विरोध के बदले डॉ ही अस्पताल के मरीजों के ख़िलाफ़ खड़े हो गए और प्रशासन पर दबाव बनाते हुए उल्टा जनता को ही आरोपी बनाने में लग गए और एक ज्ञापन भी सौंपा गया था इस ख़बर को राजएक्सप्रेस ने भी प्रमुखता से प्रकाशित किया था ताकि स्वास्थ्य सिस्टम में कुछ सुधार हो सके। लेकिन सुधार ना होते देख अब हटा क्षेत्र की जनता खुद परेशान होकर नगर की सड़कों पर उतर आई वह भी काले झण्डे लेकर बुधवार को हटा अस्पताल के विरोध में सैकड़ों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर गए।
सिविल अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओं एवं डॉक्टरों की कारगुजारियों से परेशान सैकड़ों युवाओं और महिलाओं ने मिलकर हाथो में काले झंडे लेकर नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। वही सैकड़ों लोगो ने एसडीएम कार्यालय पहुंचकर सिविल अस्पताल में सालो से पदस्थ डाक्टरों पर कार्यवाही की मांग को लेकर राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा। बीते दिनों शास्त्री वार्ड निवासी संभू शर्मा की सर्पदंश से मौत हो गई थी।
जिसके बाद उनके बेटे शुभम शर्मा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर सिविल अस्पताल में पदस्थ डाक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया था और डाक्टरों पर कार्यवाही की मांग थी। जिससे नाराज डाक्टरो ने उन पर ही हटा थाने मे रिपोर्ट दर्ज करा दी थी। जिससे गुस्साए मृर्तक के परिजनों के साथ शुभम शर्मा ने हटा के नगरवासियों से डाक्टरों के खिलाफ विरोध दर्ज कराने की बात कही इतना सुन्ना था कि सैंकड़ों आक्रोशित युवाओं, महिलाओं ने मिलकर हाथो में काले झंडे लेकर डाक्टरों की तानाशाही नही चलेगी के स्लोगन की तख्तियां लेकर सड़को पर उतरकर सिविल अस्पताल में पदस्थ डाक्टरों का विरोध किया हाथो में काले झंडे लेकर जमकर नारेबाजी की।
ये हैं शिकायतें यहां के स्टाप और डॉक्टरों की:- हटा निवासी शुभम शर्मा का आरोप है कि हटा सिविल अस्पताल में पदस्थ डाक्टर अपने पदीय कर्तव्यों की अवहेलना कर रहे हैं। डॉक्टर्स एएनएम से लेकर स्टाफ कभी भी समय से ड्यूटी नहीं आते जिससे मरीजों को आए दिन यहां वहां भटकने मजबूर होना पड़ता है। डॉक्टर्स आए दिन अपनी ड्यूटी से नदारद रहते हैं नाइट ड्यूटी के दौरान डॉक्टर एवं स्टाफ रूम को अंदर से बंद करके सोते हुए देखे जाते हैं जो दरवाजे खटखटाने पर भी नहीं उठते मरीजों का हाल भगवान भरोसे है।
प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों लोगों ने हटा सिविल अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर सवाल खड़े किए। लोगों ने कहा कि डाक्टर ओपीडी में नहीं बैठ रहे हैं। अपनी मनमर्जी से ड्यूटी करते हैं जिसका खामियाजा मरीजों को अपनी जान गवाकर चुकाना पड़ रहा है। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि सीसीटीवी कैमरे की जांच कर घटना की तत्समय ड्यूटी डॉक्टर पर प्राथमिक दर्ज करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। दिए गए ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि तीन दिन के भीतर मांगे पूरी नहीं हुई तो शांति पूर्ण ढंग से हटा बंद का आव्हान किया जाएगा। इस दौरान सैकड़ो प्रदर्शनकारियों की उपस्थिति रही।
स्थानीय प्रशासन को सौंपे ज्ञापन में कई गई मांग:- महामहिम राज्यपाल के नाम एसडीएम राकेश मरकाम एव तहसीलदार प्रवीण त्रिपाठी को दिए गए ज्ञापन में जो मांग की गई यहां डॉक्टर हटा अस्पताल ओपीडी में नियमित रूप से बैठे। डॉक्टर सप्ताह में मात्र एक ही दिन ड्यूटी कर रहे हैं जिसकी जांच निगरानी कर उनका वेतन काटा जावे। निजी क्लीनिक की जांच की जावे साथ ही मरीजों की पूरी जांच अस्पताल में ही हो एक्सरे सुविधा बहाल की जाए।
इनका कहना है:- मेरे पिता के मौत के जिम्मेदार हटा अस्पताल के डॉक्टर है। रात्रि में सर्पदंश से पीड़ित होने पर अपने पिता को इलाज कराने अस्पताल लेकर गया। ड्यूटीरत डॉक्टर अपने रूम में सोते रहे काफी देर के बाद वह बा मुश्किल जागे और उन्होंने बिना कोई प्राथमिक उपचार के ही मेरे पिता को दमोह रेफर कर दिया जिससे इलाज में देर होने से उनके पूरे शरीर में जहर फैल गया। जिससे उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी। यदि उन्हें हटा सिविल अस्पताल में समय पर समुचित इलाज मिलता तो आज वह जीवित होते। मेरे ऊपर डॉक्टर अनंत कुमार के द्वारा हटा थाने में झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई गई है मेरे भाई के ऊपर भी झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
शुभम शर्मा (मिर्तक स्व. संभू शर्मा का पुत्र)
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