नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
बोलिए कौन चमन या अमन, अगर चमन तो फिर अमन क्यों नहीं, अमन तो फिर चमन को वोट क्यों नहीं देंगे, चमन तो सैकड़ों सालों से आपके सुख दुःख का साथी है फिर भी चमन से बेरुखी क्यों? कितना विकास हुआ है यहां आपके गांव का, किसी निहत्थे के कनपटी के ऊपर कट्टा रखकर एकतरफा संवाद का यह फिल्मी सीन लोकतंत्र के उत्सव में जनमत संग्रह के नाम पर जीवित कर जनता के मन में तनाव पैदा कर रहा है। गांवों, कस्बों, तांडों, बस्तियों, झुग्गियों, नुक्कड़ों पर वोटरों को घेरकर वीडियो का स्पेस भरा जा रहा है। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महाराष्ट्र में गैर कानूनी तरीके से जनमत संग्रह करने वाले गिरोह की हरकतों से मतदाता परेशान हो चुके हैं। मंत्रियों के निर्वाचन क्षेत्रों में झूम डंडा और मोबाइल कैमरा धरकर मतदाताओं को उनका गोपनीय वोट पूछने वाले इन तत्वों की शरारत पर चुनाव आयोग खामोश है। इन टाइम पास शो में बोलने के लिए जबरदस्ती से धरा गया कोई भी वोटर कैमरे के सामने भय और चिंता के कारण कभी भी सच नहीं बोलता। जनता से जुड़ने के लिए उनकी रोजमर्रा की तकलीफों से रूबरू होना पड़ता है। 1990 के दशक में उत्तर भारत की चुनावी राजनीत पर बनाए चुनिंदा शानदार एपिसोड से आप दर्शक चुनावी पत्रकारिता को समझ सकते हैं। धनवान पार्टियों से आर्थिक पैकेज सेटल कर के सोशल मीडिया पर चलाए जाने वाले घटिया कंटेंट उन फर्स्ट टाइम वोटरों को प्रभावित कर सकते हैं जो राइट विंग के जाल में फंसते धंसते दिखाई पड़ते हैं। चुनाव आयोग के IT सेल की ओर से अब तक किसी भी महान गुणगान पहचान पर किसी प्रकार की ठोस कार्रवाई की कोई ख़बर नहीं है।
डॉ कोल्हे का रोड शो
महाराष्ट्र की 288 सीटों में से एक जामनेर विधानसभा सीट पर महाविकास आघाड़ी के प्रत्याशी दिलीप खोड़पे के प्रचार के लिए शिरूर से NCP (SP) सांसद डॉ अमोल कोल्हे कल गुरुवार को जामनेर में रोड शो करने वाले हैं। महाराष्ट्र के वर्तमान को जानने समझने के लिए जनता संजय राउत की जनसभा का बेसब्री से इंतजार कर रही है। बीजेपी की ओर से मंत्री गिरीश महाजन के लिए किसी भी बड़े नेता के संबोधन की कोई जानकारी नहीं है।
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