रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
मध्यप्रदेश शासन के जनजातीय कार्य विभाग के अधिन शिक्षण संस्थाओं में अक्सर भारी अनियमितता समय पर शाला नहीं पहुंचने आदि शिकायत जिला प्रशासन को मिलती रहती विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों की दूरदराज शालाओं में कलेक्टर नेहा मीना के शिक्षा गुणवत्ता मिशन व शाला से पलायन करने वाले छात्र छात्राओं को शाला से जोड़ने हेतु लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए संभागीय उपायुक्त ब्रजेश पांडेय व सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग निशा मेहरा के जनजातीय कार्य विभाग अधीन शालाओं दिशा व दशा बदलने के संकल्प को मूर्त रूप देने अपने अधीन ग्रामीण शालाओं का रुख निरीक्षण हेतु बीईओ एन एस नायक ने किया।
कांजली डूंगरी मिडील स्कूल रम्भापुर कन्या हाई स्कूल व बालक उमावि एवं दूरस्थ क्षेत्र के मांडली हायर सेकंडरी आदि स्कूलों का निरीक्षण करने अचानक बीईओ नारायण सिंह उर्फ दिलीप नायक पहुंचे। शिक्षा गुणवत्ता की कक्षावार परख की मध्यान्ह भोजन के रसोई कक्ष सहित स्वयं सहायता समूह की महिला रसोईयों से उनकी व भोजन की स्थति जानी। बच्चों से प्रश्नोत्तर किए।
शिक्षकों से समय नियोजन की अनिवार्यता हेतु ताकिद रहनें को किया। अनियमितता बरतने वाले शिक्षकों गैर हाजिर शिक्षक अतिथि शिक्षकों पर नोटिस उपरांत एक दिन का वेतन काटे जाने भविष्य में सुधार नहीं होने पर आवश्यक कार्रवाई करने की बात भी कही गई। एक और नायक का ग्रामीण शालाओं का निरीक्षण से जहां सभी में हड़कंप है वहीं मेघनगर कन्या उमावि एवं सीएम राईस की सुबह की पारी में अक्सर प्रार्थना में गायब रहने की शिकायत भी लम्बे समय से जारी है।
उक्त दोनों संस्था में प्रिंसीपल भी हैं पर वे मुख्यालय नहीं रहते ज्ञातव्य है कि पूर्व में एसडीएम श्री सोनी को शिक्षक कुछ अतिथि शिक्षक गैर हाजिर मिलें थे। नगर के पालकों ने कलेक्टर व एससी नगरीय क्षेत्र की शालाओं की सुध लेने का निवेदन किया।
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