झूंझुनू उप चुनाव में पीछले चार चुनाव के मुकाबले कांग्रेस की सीट उपचुनाव में उलझी | New India Times

अशफ़ाक़ क़ायमखानी, सीकर/जयपुर (राजस्थान), NIT:

झूंझुनू उप चुनाव में पीछले चार चुनाव के मुकाबले कांग्रेस की सीट उपचुनाव में उलझी | New India Times

शेखावटी जनपद की झूंझुनू विधानसभा सीट पर 13- नवम्बर को उपचुनाव में मतदान होने से पहले अब यह सीट कांग्रेस के लिये उलझी हुई नजर आने लगी है। जिसका कारण है कि इस दफा भाजपा का बागी उम्मीदवार का ना होना एवं निर्दलीय उम्मीदवार राजेन्द्र गुढा के पक्ष में कांग्रेस का परम्परागत व बड़ा वोट बैंक मुस्लिम समुदाय का झुकाव होना। कांग्रेस 2023 में इस सीट से विधायक बने विजेंद्र ओला के 2024 में सांसद बनने से रिक्त हुई सीट पर हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस ने उनके पूत्र अमित ओला को उम्मीदवार बनाया है।

जबकि भाजपा ने 2018 के अपने उम्मीदवार व 2023 के भाजपा के बागी उम्मीदवार राजेन्द्र भामू को उम्मीदवार बनाया है। इनके मध्य पूर्व मंत्री व लगती सीट उदयपुर वाटी से विधायक रहे राजेन्द्र गुढा ने निर्दलीय उम्मीदवार की हैसियत से ताल ठोकी है। कांग्रेस उम्मीदवार अमित की पत्नी आकांक्षा ओला पांच साल पहले दिल्ली विधानसभा चुनाव में माडल टाऊन विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के तोर पर चुनाव लड़ा था जो चुनाव हार चुकी हैं। वहीं अमित ओला की माता राजबाला ने झूंझुनू लोकसभा का चुनाव कांग्रेस की टिकट पर लड़ा तो जीत नहीं पाई थी।

आंकड़ों पर नजर डालें तो झूंझुनू से विजेंद्र ओला पहला उपचुनाव 1993 में लड़ा तो वो जीत नहीं पाये। उसके बाद दो चुनाव ओर लड़े पर उनमें भी जीत नहीं पाये। लगातार तीन दफा हारने पर विजेंद्र ओला 2008, 2013, 2018, व 2023 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस की टिकट पर जीतते रहे। लेकिन उनकी पत्नी राजबाला ने झूंझुनू लोकसभा व पूत्रवधु आकांक्षा ओला ने दिल्ली विधानसभा का चुनाव कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा पर वो दोनों अपने अपने चुनाव जीत नहीं पाये।

पीछले कुछ विधानसभा चुनाव में हुये मतदान पर नजर डाले तो पाते हैं कि 70 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है। 2013 में 70.68 प्रतिशत, 2018 मे 70.18 प्रतिशत व 2023 मे 70.67 प्रतिशत मतदान रहा है। वर्तमान में विधानसभा में 268913 मतदाता है। जिनमें 140142 पुरूष व 128765 महिला मतदाता है। मतदान के बाद प्रतिशत के तौर पर कांग्रेस व भाजपा को मिले मतों पर नजर दौड़ायें तो 2023 में कांग्रेस को 44.48 प्रतिशत व भाजपा को 29.69 प्रतिशत मत मिले।

2018 में कांग्रेस को 45.02 प्रतिशत व भाजपा को 21.05 प्रतिशत मत मिले। 2013 में कांग्रेस को 41.84 प्रतिशत व भाजपा 29.2 प्रतिशत मत मिले। इसी तरह 2008 में कांग्रेस को 34.14 प्रतिशत व भाजपा को 25.9 प्रतिशत मत मिले। इसी तरह 2023 के चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार को 84582 मत मिले जबकि भाजपा को 57010 मत मिले। भाजपा के बागी को 41855 मत मिले। भाजपा व भाजपा बागी उम्मीदवारों को मिले वोटों को जोड़े तो कांग्रेस के मुकाबले उन्हें पंद्रह हजार अधिक मत मिले। 2023 के चुनाव में शेखावाटी क्षेत्र में कांग्रेस के पक्ष में जाट-एससीएसटी व मुस्लिम मतों का जमकर ध्रुवीकरण रहा था।

2008 के पहलले झूंझुनू विधानसभा का स्वरूप अलग था ओर 2008 में डी लिमीटेसन होने पर स्वरूप अलग हो गया था। शीशराम ओला उस समय भागदौड़ करके मनमाफिक क्षेत्र का स्वरूप बनवाने सफल हो गये थे। जानकारी अनुसार झूंझुनू विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 70 हजार जाट मतदाता है। उसके बाद 65 हजार मुस्लिम मतदाता हैं। तीसरे नम्बर पर एससीएसटी के मतदाता जिनकी तादाद 42- हजार बताते हैं। राजपूत-20 हजार, माली 22 हजार, ब्राह्मण 15 हजार, बनिया 5 हजार, कुम्हार 8 हजार, खाती 7 हजार, गुर्जर 4 हजार, नाई 2 हजार, स्वामी 2 हजार, सोनी 1 हजार व बाकी अन्य जातियों के मतदाता हैं।

कुल मिलाकर यह है कि कांग्रेस-भाजपा नेता उपचुनाव वाली सातों सीटों पर जीतने का दावा कर रहे हैं। लेकिन स्थिति इनके दावों के विपरीत नजर आती है। चौरासी, सलम्बूर व खींवसर में कांग्रेस का कोई लेना देना नहीं है। वहां कांग्रेस का जमानत बचना मुश्किल है। बाकी चारों जगह झूंझुनू की तरह कांग्रेस के लिये सीटें पूरी तरह उलझी हुई है। जहां से कांग्रेस के लिये सीट निकालना मुश्किल है।

भाजपा अपना सत्ता का चाबुक भी जमकर चला रही है बताते हैं वहीं भाजपा के मुकाबले कांग्रेस में स्थानीय स्तर पर नेताओं में आपस में ही एक दुसरे का बल निकलने की होड़ सी मची हुई है। मुस्लिम मतों का वर्तमान में निर्दलीय उम्मीदवार गुढ़ा के पक्ष में ध्रुवीकरण होते नजर आने से कांग्रेस नेताओं की सांसें फूली नजर आ रही है।


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By nit

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