शेरा मिश्रा/अविनाश द्विवेदी, कटनी (मप्र), NIT; कैमोर उद्योगीक नगरी एसीसी सीमेंट प्लांट में आज दो टीमों ने निरीक्षण किया। टीम से मुलाकात करने पत्रकार पहुंचे तो अधिकारीयों मे अफरातफरी मच गई और प्लांट हेड सुमित चढ्ढा की धड़कन बढ गई।
एसीसी सीमेंट प्लांट के बढ़ते प्रदूषण से आम आदमी की जान जोखिम में है यह बात प्रमाणित हो चुकी है। प्रदूषण बोर्ड की टिम ने जांच के दौरान यह बताया की कैमोर में 56% प्रदूषण नापा गया है, इस तरह का प्रदूषण जान लेवा साबित हो सकता है। जिस तरह की प्रदूषण रिपोर्ट मिली है वह गम्भीर है। सूत्रों की माने तो एक टीम जिले के बाहर से आई तथा दूसरी मुम्बई से एसीसी विभाग की टीम थी जो निरीक्षण करने पहुंची। कैमोर में बढते विरोध तथा आम जनता की आवाज बढती जा रही है। शोसल मिडीया के माध्यम से एसीसी सीमेंट प्लांट की करतूत उजागर हो रही है, जिसकी वजह से आए दिन टीमें एसीसी पहुंच कर निरिक्षण कर रही हैं। जहाँ कटनी जिला प्रशासन अपनी उदासीनता से क्षेत्र का शोषण करा रही है तथा एसीसी के अधिकारियों को बढावा दे रहे है वही अन्य सम्बन्धीत विभाग के अधिकारियों ने एसीसी की नाक में दम कर दिया है। लगातार जांच पर जांच यह प्रमाणित करता है कि एसीसी की करतूत उच्च अधिकारियों के कानों तक पहुंच रही है। कैमोर निवासियों की आवाज आज मुम्बई, दिल्ली तक जा पहुंची है और अधिकारीयों ने तुरंत एसीसी कैमोर पहुंच कर एसीसी के अधिकारीयों की क्लास ली है। जांच टीम के आने की सूचना पर जब स्थानीय पत्रकार भी अधिकारीयों से मिलने गए तो एसीसी गेट के अंदर पत्रकारों को देख कर प्लांट हेड की धड़कन तेज हो गई तो वही अन्य अधिकारी भी पत्रकारों से सामने गिडगिडाते नजरएआए, किन्तु पत्रकारों ने अधिकारियों को कोई तवज्जो नहीं दिया।
जानकारी के अनुसार टीम के आने की सूचना मिलते ही एसीसी कैमोर ने अपनी व्यथा में सुधार की है, यहां तक कि पेडों में जमी धूल को हटाने के लिए पेडों को भी नहलाया गया, वही जाच टीम के डर से कन्वेयर बैल्ट भी बंद रहा। प्लांट हेड खुद अपने खास अधिकारीयों को लेकर टीम की खिदमत में लगे रहे।
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