अब्दुल वहीद काकर, धुले (महाराष्ट्र), NIT; कपास में गुलाबी इल्ली का प्रकोप होने के कारण किसानों को आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ रहा है। पहले ही कम बारिश के चलते किसान परेशान थे अब तहसील क्षेत्र में किसानों की खड़ी फसलें बर्बाद हो रही हैं। किसानों को मुआवजा देने तथा किसानों की फसलों के नुकसान का पंचनामा तुंरत करने की मांग का ज्ञापन ज़िला प्रशासन को विधायक कुणाल पाटील के नेतृत्व में सौंपा गया है।
ज्ञापन में बताया गया है कि प्रारंभ से मानसून के रुखे रुख के रहते खरीफ की फसलों की बढ़त को लेकर किसानों को चिंता सताने लगी। वापसी के मानसून से इलाके में थोडा बहुत अच्छी बारीश दर्ज की गई थी। अपेक्षित बारिश से किसानों की उम्मीदें जागीं तथा खरीफ की फसलों में रासायनिक खाद देने का दौर प्रारंभ हो गया। वहीं बीटी कपास को लेकर अक्टूबर नवंबर- में गुलाबी इल्ली के कहर ने किसानों को कॉटन बीटी कपास के दूसरे दौर की फरदल फसल लेने से वंचित कर दिया। विधायक कुणाल पाटिल ने मांग की है कि कृषी तथा राजस्व विभाग के कर्मियों द्वारा नुकसान ग्रस्त फसलों के पंचनामा भरकर रिपोर्ट राज्य शासन को भेजी जाए और कृषी विभाग की अन्य कारक शर्तें निरस्त की जाएं तथा किसानों को उनके नुकसान का मुआवजा तुरंत शासन की ओर से प्रदान करने की मांग की है। ज्ञापन सौंपते हुए मधुकर गर्दे, भगवान पाटील, लहू पाटील, वसंत पाटील, रितेश पाटिल, दिनकर पाटील , दिनेश भदाने आदि ने की है।
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