अरशद आब्दी/सूरज कुमार, झांसी, NIT;
इस्लाम धर्म की महान हस्तियों के बारे में आजतक के एंकर रोहित सरदाना के द्वारा अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणी के विरुध्द कार्यवाही की मांग को लेकर झांसी नगर में शान्ति पूर्ण प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट को सौंपा गया। जिसमें देश में आपसी विश्वास, साम्प्रदायिक सौहार्द और गंगाजमुनी तहज़ीब की हिफाज़त और दोषियों के विरुध्द झांसी में प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्यवाही की मांग की गई है।इज्म शिया मुस्लिम वेल्फेयर सोसायटी झांसी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 30 नवम्बर 2017 गुरूवार दोपहर 1 बजे मस्जिदे इमामिया, मेवाती पूरा झांसी से एक ‘एहतिजाजी जुलूस’ निकाला गया, जिसका संयुक्त नेतृत्व मज़हबी रहनुमा मौलाना सैय्यद शाने हैदर ज़ैदी-इमामे जुमा व जमाअत झांसी, मौलाना सैय्यद फरमान अली आब्दी, मौलाना सैय्यद नावेद हैदर आब्दी, मौलाना सैय्यद इक्तिदार हुसैन आदि ने किया। रैली में विशाल संख्या में पुरुष, महिलायें और बच्चे “धार्मिक महानात्माओं पर अभद्र टिप्पणीयां बंद करो” “लब्बैक या फातिमा”, लब्बैक या मरियम”,” रोहित सरदाना मुरादाबाद”, “आतंकवाद हो बर्बाद”, “फिरकापरस्ती मुर्दाबाद”, नारे लिखी तख्तियां लिए चल रहे थे और सभी विरोध प्रदर्शन के लिए काले लिबास पहने हुए थे। यह मौन जुलूस दरीगरान, नरियाबाज़ार, गंदीगर का टपरा से जिलाधिकारी कार्यालय जाने के लिए कोतवाली की तरफ बढ ही रहा था कि पुलिस प्रशासन ने मस्जिदे कमनीगरान के पास आदर्श आचार संहिता और धारा 144 लागू होने का हवाला देकर जुलूस को रोक लिया। प्रशासन और आयोजकों से वार्ता के बाद बीच का रास्ता निकालते हुए नगर मजिस्ट्रेट ने वहीं आकर पांच सूत्रीय ज्ञापन लिया और प्रधानमंत्री भारत सरकार को शीघ्र प्रेषित कर कार्यवाही का आश्वासन दिया। जिसके बाद जुलूस वापस मस्जिदे इमामिया पर आकर समाप्त हुआ।इस अवसर पर संचालन करते हुए सैय्यद शहंशाह हैदर आब्दी ने कहा,” जिस तरह रानी पदमावती की तुलना मां दुर्गा, मां सरस्वती और मां लक्षमी से नहीं की जा सकती, ठीक उसी तरह इसको लेकर हज़रत ईसा की माँ –बीबी मरियम, रसूले ख़ुदा मोहम्मद मुस्तफा की इकलौती बेटी – बीबी फातिमा और रसूले ख़ुदा मोहम्मद मुस्तफा की पत्नी –बीबी आयशा पर अभद्र टिप्पणी करना, देश और समाज के माहौल को खराब करने के और देश को कमज़ोर करने के लिए जानबूझकर की गयी शरारत है जो देश के संविधान और कानून के विरुध्द भी है। अत: इस तरह की शरारतपूर्ण हरकत करने वाले रोहित सरदाना और इस जैसे अन्य लोगों, संगठनों और ऐसे विवादित, अभद्र और आपत्ति जनक टिप्पणियों को प्रमुखता से प्रसारित प्रचारित करने वाले मीडिया माध्यमों, साम्प्रदायिक और आतंकी व्यक्तियों और संगठनों के विरूध्द धार्मिक वैमनस्यता फैलाने और शान्ति भंग कर देश को कमज़ोर करने के आरोप में झांसी में प्राथमिकी दर्ज कर शीघ्र कठोर क़ानूनी कार्यवाही की जाए और इस तरह की हरकतों की पुनरावृत्ति पर सख्ती से रोक लगाई जाए। मौलाना सैय्यद फरमान अली आब्दी ने कहा,” हम सब यहाँ मिलजुल कर रहते आ रहे हैं। हमने और हमारे समाज ने कभी किसी मज़हब और उसके मज़हबी रहनुमा पर विवादित आपत्ति जनक टिप्पणी नहीं की, क्योंकि हमारा मज़हब हर मज़हब और उसके रहनुमा की इज़्ज़त करने की सख्त हिदायत करता है। मौलाना सैय्यद इक्तिदार हुसैन ने कहा,” कुछ व्यक्ति और संगठन हमारे अज़ीम मुल्क की गंगा जमुनी तहज़ीब को बर्बाद करने पर आमादा हैं। इसकी ताज़ा मिसाल एक टीवी एंकर रोहित सरदाना द्वारा जानबूझकर शरारत पूर्ण तरीके से हज़रत ईसा की माँ –बीबी मरियम, रसूले ख़ुदा मोहम्मद मुस्तफा की इकलौती बेटी – बीबी फातिमा और रसूले ख़ुदा मोहम्मद मुस्तफा की पत्नी –बीबी आयशा पर अभद्र टिप्पणी करना है।इस तरह की शरारत पूर्ण कार्यवाहियों को शासन, प्रशासन, न्यायालय और देशवासियों द्वारा नज़र अंदाज़ करने से सम्प्रदायिक शक्तियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। इससे आम शान्ति प्रिय, सर्व धर्म समभाव में विश्वास रखने वालों में रोष है।“
मौलाना सैय्यद शाने हैदर ज़ैदी ने कहा,” जिस मज़हब में हमारी आस्था नहीं, उस मज़हब और उसके मानने वालों के विरुध्द अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर आधारहीन, तथ्यहीन, मनगढ़ंत, नकारात्मक और आपत्ति जनक टिप्पणियों, लेखों और प्रचार साधनों पर अनावश्यक बहसों से हमारे अज़ीम मुल्क हिन्दुस्तान की आत्मा, सर्व धर्म समभाव, अनेकता में एकता, साम्प्रदायिक सैहार्द, आपसी विश्वास और गंगा जमुनी तहज़ीब को, एक विशेष संगठन और विचार धारा के लोग निरंतर अन्य धर्मों की महानात्माओं पर अनर्गल टिप्पणी कर देश और समाज का माहौल ख़राब करने और सम्प्रदायिक सौहार्द मिटाने पर आमादा हैं। देश और समाज हित में इन पर अंकुश आवश्यक है।“उपस्थित जन समुदाय ने स्पष्ट मांग की कि इस तरह की शरारत पूर्ण हरकत करने वाले रोहित सरदाना और इस जैसे अन्य लोगों, संगठनों और ऐसे विवादित, अभद्र और आपत्ति जनक टिप्पणियों को प्रमुखता से प्रसारित प्रचारित करने वाले मीडिया माध्यमों, साम्प्रदायिक और आतंकी व्यक्तियों और संगठनों पर शीघ्र कठोर क़ानूनी कार्यवाही की जाए और इस तरह की हरकतों की पुनरावृत्ति पर सख्ती से रोक लगाई जाए। अन्यथा हम देश और समाज हित में संविधान के दायरे में रहते हुए और बड़ा आन्दोलन करने पर बाध्य होंगे।इस अवसर सर्व श्री ज़ायर सगीर मेहदी, अख्तर हुसैन, फुरक़ान हैदर, दिलशाद हुसैन, अली कमर, कमर आलम “राजू”, अनवर हुसैन, नदीम हैदर, एहसान रज़ा, वसीम अब्बास, नाजिर अली ‘जुगनू’, इमरान हैदर, इशरत हुसैन ‘बोबी’, एहसान अली, हैदर अली राजू, बाक़र आब्दी, मासूम अली, इरफान नक़वी, मोहसिन अली, जमशेद अली, मुनव्वर अली, ज़ाहिद रज़ा, हैदर रज़ा, ज़ायर मोहम्मद हसनैन, साहबे आलम, आसिफ हुसैन, मोहम्मद शाहिद, मौलाना नकी हसनैन, कौसर अली, मेहदी अली, अरशद रज़ा, नदीम हैदर, शाहबाज़ रिज़वी, वसी हैदर, नज्मुल हसन, ज़ाहिद मिर्ज़ा, मज़ाहिर हुसैन, अनवर नकवी, नादिर अली, बादशाह अली, साजिद मेहदी, अली समर, रिज़वान हैदर, राहत हुसैन, अली जाफर, आरिफ रज़ा, ज़ुल्फ़िकार हुसैन, ज़मीर अली, फ़ज़ले अली, मोहम्मद आसिफ, नाज़िम जाफर, फरमान नक़ी, वसी हैदर, अता अब्बास, फैज़ अब्बास शाहरुख़, ज़ामिन अब्बास, अतहर अब्बास, फहीम जैदी, जावेद अली, अख़्तर हुसैन, नईमुद्दीन, मुख़्तार अली, ताज अब्बास, अतालिक़, अलाबाश, वाज़ाईम, जामिन रज़ा, ज़ीशान हैदर, निसार हैदर “ज़िया”, मज़ाहिर हुसैन, इरशाद रज़ा, ग़ुलाम अब्बास, शऊर मेहदी, ज़हूर मेहदी, वसीम जैदी, रज़ा मेहदी, असहाबे पंजतन, अली ज़मीर,अस्करी नवाब, हैदर हुसैन, जाफर नवाब, ज़फर ज़ैदी, शाही ज़ैदी, कु.शाज़िया खान, श्रीमती नैयर ज़ैदी, श्रीमती हिना आब्दी, अलीना, महविश, फिरदौस फातिमा, समीना आब्दी, नेरीन ज़हरा, डा.सबिहका आब्दी, फराहना बेगम, अज़ीज़ फातिमा, शहनाज़ फातिमा, शाईना आब्दी, नफीस फातिमा, शाहिना आब्दी, आमिना बेगम, शबनम आब्दी, गुना आब्दी, महक, मोहसिना, सदफ, रोशनी, निदा, तसलीम फातिमा, अज़रा, अनीस, नसीम, कशिश, शीबा रिज़वी, अलीशा आदि के साथ बडी संख्या में शान्ति और न्याय प्रिय अन्य धर्मावलम्बी शहरवासी और शिया मुस्लिम महिलाऐं बच्चे और पुरुष काले लिबास में उपस्थित रहे।
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