मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) ने भाजपा जिला कार्यालय में प्रेसवार्ता में कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि जिस कांग्रेस पार्टी का इतिहास महिला उत्पीड़न और उनके शोषण की घटनाओं से भरा रहा हो, वो आज महिलाओं के हित की बात कर रही है। कांग्रेस पार्टी विरोध-प्रदर्शन की इस नौटंकी के माध्यम से देश और प्रदेश की माता-बहनों की आंखों में धूल झोंकना चाहती है और उन्हें भ्रमित करने का प्रयास कर रही है, जो एक नौटंकी से ज्यादा कुछ नहीं है। जिनका इतिहास महिला उत्पीड़न और शोषण से भरा, वो महिला हित की बात कैसे कर रहे हैं?
प्रेसवार्ता के दौरान महापौर श्रीमती माधुरी अतुल पटेल, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ.मनोज माने, पूर्व महापौर अतुल पटेल, चिंतामन महाजन, बलराज नावानी एवं ईश्वर चौहान सहित पार्टी के अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।
श्रीमती चिटनिस ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास नारीशक्ति के अपमान, उत्पीड़न और शोषण की घटनाओं से भरा पड़ा है। चाहे तंदूर में जलाई गई नैना साहनी की कहानी हो, अग्निस्नान पर विवश सरला मिश्रा का मामला हो, या फिर नेता प्रतिपक्ष के ही बंगले पर सोनिया भारद्वाज द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या करने की घटना हो, इन सभी में कांग्रेस का महिला विरोधी चेहरा दिखाई देता है। कांग्रेसी महिलाओं को ‘टंच माल‘ और ‘आइटम‘ कहकर संबोधित करते हैं। क्या महिलाओं के प्रति ऐसी ज़हरीली सोच रखने वाले कांग्रेस के नेता महिला नेतृत्व को उभरने देंगे? श्रीमती चिटनिस ने कहा कि बंगाल, हिमाचल, तेलंगाना और कर्नाटक में महिलाओं के मुद्दे में चुप रहने वाली कांग्रेस आज नौटंकी कर रही है।
प्रदेश को बदनाम करने का कुचक्र चला रही कांग्रेस
श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि मध्यप्रदेश में मुद्दा विहीन कांग्रेस के नेताओं द्वारा महिलाओं के विषय से जोड़कर प्रदेश को बदनाम करने का कुचक्र चलाया जा रहा है। कांग्रेस का यह षड्यंत्र प्रदेश में भय का वातावरण फैलाने और प्रदेश को बदनाम करने का सोचा-समझा षड्यंत्र प्रतीत होता है। जबकि हकीकत यह है कि मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए हैं।
बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और स्वावलंबन सरकार की प्राथमिकता और प्रतिबद्धता रही है। प्रदेश में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाएं आत्मनिर्भर और सशक्तिकरण की ओर तेजी से अग्रसर हो रही हैं। जैसा कि विदित है देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य की डॉ.मोहन यादव की सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में महिला एवं बाल विकास विभाग का बजट 81 प्रतिशत तक बढ़ाते हुए 26,560 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। यह एक स्पष्ट संकेत है कि भाजपा सरकार महिलाओं के अधिकार और सशक्तिकरण हेतु प्रतिबद्ध है।
भाजपा सरकार ने महिलाओं के हित में लिए अनेक फैसले
श्रीमती चिटनिस ने कहा कि प्रदेश सरकार ने महिलाओं के हित में बड़ा फैसला लेते हुए उनके नाम जमीन, दुकान और घर की रजिस्ट्री करने पर स्टांप शुल्क पर अतिरिक्त छूट दी है। इससे बहनों के पास संपत्ति की शक्ति आई है और समाज में उनका मान-सम्मान बढ़ा है। इसी तरह महिलाओं को निकाय चुनाव एवं शिक्षक भर्ती में 50 प्रतिशत, पुलिस भर्ती में 33 प्रतिशत और अन्य भर्तियों में 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया जा रहा है, जो उनकी भागीदारी को बढ़ाने में सहायक है। प्रधानमंत्री की महत्वपूर्ण योजना के अंतर्गत स्टार्टअप नीति में भी महिलाओं को विशेष प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। महिला उद्योगों को प्रोत्साहन के लिए 850 एमएसएमई इकाइयों को 275 करोड़ की सहायता उपलब्ध कराई गई है, जिससे महिला उद्योगों को मजबूती मिल रही है।
मध्यप्रदेश में महिलाओं को जोर जबरदस्ती से बहला-फुसला कर विवाह और धर्म परिवर्तन पर लगाम लगाने के लिए धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम लागू किया गया है, जिससे महिलाओं को न्याय मिल सके। मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वालों को मृत्यु दण्ड की सज़ा देने वाला मध्यप्रदेश देश में पहला राज्य है। बेटियों की शिक्षा और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना का सफल क्रियान्वयन लंबे समय से जारी है। प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में अब तक 42 लाख से ज्यादा महिला हितग्राही पंजीकृत हो चुकी हैं और उन्हें इस योजना में कई तरह के लाभ मिल रहे हैं।
प्रदेश की 25 लाख से ज्यादा लाडली बहनें लाडली बहना योजना के अंतर्गत हर महीने आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। प्रदेश में 97 हजार से अधिक संचालित आंगनबाडि़यों में 81 लाख बच्चे और गर्भवती-धात्री माताएं एवं किशोरी बालिकाएं लाभान्वित हो रही है। मध्यप्रदेश में हिंसा से प्रभावित महिलाओं को सहायता उपलब्ध कराने के लिए महिला हेल्पलाइन 181 और चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 संचालित है। ऐसी और अन्य योजनाओं का लाभ उठाकर आज प्रदेश की लाखों बेटियां आत्मनिर्भर बन रही हैं।
कांग्रेस को अपने महिला विरोधी चरित्र पर ध्यान देना चाहिए
श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि कांग्रेस को अपने महिला विरोधी चरित्र पर ध्यान देना चाहिए और अपने नेताओं की बदजुबानी और बदनियती के लिए सबसे पहले माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेसियों को स्मरण में रहे कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ महिलाओं को ‘आइटम’ कहते थे, उससे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ‘टंच माल’ कहते थे।
आपके नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार पर कई महिला अपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। आपके नेता स्वयं एक दलित महिला में ‘रस और चाशनी’ ढूंढते हैं। आपकी पार्टी के वरिष्ठ नेतागणों का यह आचरण है तो अन्य ऐसे नेताओं के अनुयायी उनका अनुसरण ही करेंगे। इसलिए आपको प्राथमिकता से सार्वजनिक तौर पर कांग्रेस के महिलाविरोधी चरित्र और आचरण के लिए सर्वप्रथम माफी मांगनी चाहिए, तभी आपको बोलने का नैतिक अधिकार प्राप्त होगा। अन्यथा, यह केवल एक राजनीतिक खेल बनकर रह जाएगा।
श्रीमती चिटनिस ने कहा कि कांग्रेस के पास प्रदेश और देश में विकास और जनता की खुशहाली को लेकर कोई नीति नहीं है। मुद्दा विहीन विपक्ष जबरन ही किसी ऐसे मुद्दे को तूल देता है, जिससे समाज में वैमनस्यता और अराजकता फैले। उन्होंने कहा कि एक राजनीतिक पार्टी होने के नाते कांग्रेस के नेताओं को ऐसे कृत्यों से बचना चाहिए और जन कल्याण के लिए काम कर रही केंद्र में नरेंद्र मोदी जी की सरकार और प्रदेश में डॉ.मोहन यादव के नेतृत्व में लगातार प्रगति पथ पर अग्रसर राज्य सरकार का समर्थन करना चाहिए।
कांग्रेस यह जवाब तो दे
कोलकाता रेप-मर्डर मामले पर राहुल गांधी से पत्रकारों द्वारा सवाल किया गया तो उन्होंने इसे नजरंदाज़ करते हुए कहा आप ध्यान भटका रहे हैं। इसी प्रकार राहुल गांधी 4 जून से रोज सुबह उठकर अयोध्या-अयोध्या करते थे। लेकिन, जिस दिन पता चला कि अयोध्या में दलित की 12 साल की बेटी से जिहादी मोइन खान ने बलात्कार किया है, उस दिन से वो एकदम चुप हैं।
वहीं कटुआ रेप केस-‘मोहब्बत की दुकान, में नफरत‘ आसिफा के गुनाहगारों के समर्थक को कांग्रेस ने दिया टिकट। सिरोही राजस्थान-सामूहिक बलात्कार, ब्लैकमेल और बहुत कुछ- कांग्रेस नेताओं पर राजस्थान में नौकरी के बदले में 23 महिलाओं का उत्पीड़न करने का आरोप। 2012 में दिसंबर गैंगरेप के बाद दिल्ली में औरतों ने बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन किया था।
पश्चिम बंगाल के जांगीपुर से कांग्रेस सांसद अभिजीत मुखर्जी ने कथित रूप से कहा था, ‘दिल्ली में 23 वर्षीय युवती के साथ बलात्कार के विरोध में प्रदर्शनों में हिस्सा ले रही छात्राएं सजी-संवरी महिलाएं हैं जिन्हें असलियत के बारे में कुछ नहीं पता। साथ ही उन्होंने कहा था, ‘‘हाथ में मोमबत्ती जला कर सड़कों पर आना फैशन बन गया है। ये सजी संवरी महिलाएं पहले डिस्कोथेक में गईं और फिर इस गैंगरेप के खिलाफ विरोध दिखाने इंडिया गेट पर पहुंची। क्या ऐसी बातों का जवाब कांग्रेस के पास है ?
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