आरक्षण गारंटी के चक्रव्यूह में घिरी भाजपा को "छत्रपति" के परिवार का सहारा, भोसले ने की गिरीश महाजन को जितवाने की अपील | New India Times

नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

आरक्षण गारंटी के चक्रव्यूह में घिरी भाजपा को "छत्रपति" के परिवार का सहारा, भोसले ने की गिरीश महाजन को जितवाने की अपील | New India Times

हरियाणा में जाट बनाम गैर जाट फार्मूले से तिसरी बार सत्ता में लौटी भाजपा महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर काफ़ी सतर्कता बरत रही है। धनगर मराठा लिंगायत जाती को संवैधानिक आरक्षण देने के वादे के साथ 2014 में सत्ता में आए देवेन्द्र फडणवीस अपने बनाए चक्रव्यूह में बुरी तरह से फंस चुके हैं। आरक्षण प्रार्थी जातियों ने लोकसभा चुनाव में भाजपा को धूल चटा दी। आरक्षण के आंदोलनों में मध्यस्ता की नौटंकी करने वाले तमाम मंत्रीयों को हार का डर सताने लगा है। जातीगणना और आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के 50% मर्यादा के निर्णय को खारिज कर 100% आरक्षण को संविधान की 9 वीं सूची में शामिल करने संबंधी निति पर भाजपा और नरेन्द्र मोदी सरकार बीते दस साल से चुप है। महाराष्ट्र का मराठा समाज ओबीसी में आरक्षण चाहता है।

आरक्षण गारंटी के चक्रव्यूह में घिरी भाजपा को "छत्रपति" के परिवार का सहारा, भोसले ने की गिरीश महाजन को जितवाने की अपील | New India Times

महंगाई, बेरोजगारी, बर्बाद कानून व्यवस्था, आरक्षण इन बुनियादी सवालों पर लड़े जाने वाला महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव भाजपा के हाथ से फिसलता जा रहा है। इस नुकसान को पाटने के लिए देवेन्द्र फडणवीस छत्रपति शिवाजी महाराज के परिवार से आने वाले उदयन भोसले और शिवेंद्र भोसले को साथ लेकर सभाएं कर रहे हैं। पहली सभा भाजपा के गड़ कहे जाने वाले जामनेर में गिरीश महाजन के लिए फ्रेम करी गई। सभी नेताओं ने महाजन को एक लोक नेता की शक्ल में पेश किया। उदयन भोसले को लोगों से महाजन को जितवाने की अपील करनी पड़ी। गिरीश महाजन भी अब स्वयं को भाजपा के 105 विधायकों के बीच सबसे सीनियर विधायक बताने से गुरेज नहीं रखते।

आज तक तो किसी ने देखा नहीं लेकिन क्या सच में गिरीश महाजन अपनी सीट से पर्चा भरकर महाराष्ट्र में भाजपा को ताकत देंगे? मराठा समाज की ओबीसी से आरक्षण की मांग को छत्रपति शिवाजी महाराज के पारिवारिक सदस्यों के सम्मान के साथ जोड़ना इन बातों का आपस में कोई संबंध नहीं है। मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र में धनगर, मराठा आरक्षण आंदोलन का गहरा प्रभाव है। विदर्भ, उत्तर महाराष्ट्र का कुनबी मराठा समुदाय मंडल आयोग के कारण ओबीसी में है। प्रस्थापित बनाम पिछड़ा इस राजकीय संघर्ष में सामाजिक शैक्षणिक आर्थिक तौर पर पिछड़ा समाज निर्णायक भूमिका में उभर रहा है। उत्तर प्रदेश के PDA (पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक) के तर्ज पर महाराष्ट्र में MDA (मराठा धनगर अल्पसंख्यक) का सामाजिक समीकरण प्रत्येक विधानसभा सीट पर महायुति को पस्त कर सकता है।


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