नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
राजनीतिक दलों के लिए सरकार और सरकारी तिज़ोरी पुश्तैनी जायदाद बन चुकी है। मंत्री सांसद विधायक 24 घंटा 365 दिन उनको सरकार से मिलने वाले प्रचंड वेतन, भत्ते, आर्थिक सहायता के बूते किसी राजा की तरह जिंदगी जीते है। एक विधायक पर 6 करोड़ यानी 288×6=1728 , एक मंत्री पर 8 करोड़ यानी 41×8=328 , एक सांसद पर 10 करोड़ मतलब 48×10=480 करोड़ रुपए इस प्रकार कुल मिलाकर सालभर में 2536 करोड़ रुपया जनप्रतिनिधियों के उपर खर्च होता है जो टैक्स पेयर्स की जेब से आता है। महाराष्ट्र का सत्तारूढ़ दल सरकारी योजनाओं के मंच पर खुले आम पार्टी सिंबल लगाकर सदन का अपमान कर रहा है। भाजपा नेता गिरीश महाजन के गृह निर्वाचन क्षेत्र जामनेर मे बीते तीन चार महीनो मे ऐसे दर्जनों शासकीय लाभ वितरण समारंभ संपन्न हुए हैं। विपक्ष के लोकप्रतिनिधि भी इस फ्रीबीस से अछूते नहीं है वह भी योजनाओं के कैंप में अपनी अपनी पार्टियों के चुनाव चिन्ह वाला बैनर पोस्टर लगाकर भीड़ इकट्ठा कर रहे हैं।
कार्यपालिका और विधायिका आपस में मिलकर इस असंवैधानिक दुर्व्यवहार में शरीक हैं। शासन आपल्या दारी , मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना , अन्नपूर्णा योजना सैकड़ों योजनाएं हैं जिन के प्रचार प्रसार पर बीते ढाई साल से राज्य सरकार ने सरकारी तिज़ोरी से लगभग तीन हजार करोड़ रुपए फूंक दिए हैं। नगद 20 , मशहूर सर्राफा बाजार में 25 के हीरे फिर काम फतेह होने के बाद 20 इस तरह प्रती व्यक्ति 65 करोड़ का जैकपॉट लूटने वाले 50 के आंकड़े से जनता के बीच फेमस करवाए गए जो असल में 50 नहीं 65 है। क्या राजनीतिक पार्टियों की इतनी भी हैसियत नहीं है? जो वो अपने आर्थिक कोष से खुद की गरिमा और प्रत्याशियों की लोकप्रियता को चार चांद लगा सकते हैं। महाराष्ट्र में जल्द हि विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने वाली है आयोग ने एक घंटे की लंबी प्रेस करी है। अब तक DG हटाए नहीं गए, अफसरों के तबादले ठंडे बस्ते में डाल दिए गए हैं। समाज पूछ रहा है कि कहीं चुनाव आयोग सत्तापक्ष के साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर विचार तो नहीं कर रहा है।
अभिभावक और बच्चों में संवाद की आवश्यकता: पारसनाथ देवस्थान भारतीय जैन संगठन के साझा प्रयास से बेटियों का सक्षमीकरण स्मार्ट गर्ल शिविर का आयोजन कराया गया। त्यागी भवन में संपन्न शिविर में चंद्रशेखर गुलवाडे़, रमेश पाटील ने बच्चों को प्रशिक्षण दिया। शिविर में 34 लड़कियों ने हिस्सा लिया। पारसनाथ देवस्थान के अध्यक्ष प्रकाश सैतवाल , सुनीता विजय सैतवाल , विजय सैतवाल राजेंद्र नारले , उज्जवला सोनटक्के , संगीता मंडलेचा , मोना चोरडिया , कांचन कुचेरिया , नीता लोढ़ा , विकास कोठारी मौजूद रहे। खुशी निरखे , मोनाली जैन , अक्षरा सैतवाल, मेघा जैन ने अनुभव शेयर किए। शिविर सफलता के लिए सुरेखा सूर्यवंशी , संगीता कस्तूरे , किरण मिटकर , भरत सैंतवाल , राजेश डिकेकर , संजीव सैतवाल , प्रशांत सैतवाल , राजेंद्र खोबरे , सुदर्शन सैतवाल , रविंद्र मिटकर ने योगदान दिया।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.