प्रेस्टीज प्रबंधन एवं शोध संस्थान में बीट्स, नवरात्रि गरबा महोत्सव के द्वारा सांस्कृतिक <br>और शैक्षणिक माहौल को सुदृढ़ करने की पहल | New India Times

गुलशन परूथी, ग्वालियर (मप्र), NIT:

प्रेस्टीज प्रबंधन एवं शोध संस्थान में बीट्स, नवरात्रि गरबा महोत्सव के द्वारा सांस्कृतिक <br>और शैक्षणिक माहौल को सुदृढ़ करने की पहल | New India Times

प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, ग्वालियर में दिनांक 5.10.2024 को गरबा उत्सव का आयोजन बड़े धूमधाम से किया गया।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य छात्रों के बीच सांस्कृतिक समझ का विकास करना और उन्हें भारतीय परंपराओं से जोड़ते हुए उनके सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देना था। शैक्षणिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के सही समन्वय के साथ, यह कार्यक्रम छात्रों के मानसिक, शारीरिक और सामाजिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगा।

कार्यक्रम में विशेश अतिथि के रुप में मिस सुमन यशवीर शर्मा, बी.जे.पी. प्रदेश समिति महिला मोर्चा, प्रदेश मंत्री एवं डॉ. संदीपा मल्होत्रा, चेयर पर्सन चाइल्ड वेलफेयर कमेटी, ग्वालियर उपस्थित रहीं। प्रेस्टीज संस्थान ने हमेशा से ही अपने शैक्षणिक कार्यक्रमों के साथ सांस्कृतिक आयोजनों को महत्व दिया है। इस प्रकार के आयोजनों से छात्रों में न केवल सांस्कृतिक समझ विकसित होती है, बल्कि वे अपनी जड़ों और परंपराओं से जुड़े रहते हैं।

शैक्षिक विकास के साथ, संस्थान का उद्देश्य छात्रों के समग्र व्यक्तित्व का निर्माण करना है, जहाँ उन्हें शिक्षा और संस्कृति दोनों का सही संतुलन मिल सके।कार्यक्रम के अंत में उपस्थित जनों ने सामूहिक रूप से गरबा खेलते हुए उत्सव का आनंद लिया। इस आयोजन में संस्थान के विभिन्न शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों की उपस्थिति रही, जिन्होंने गरबा की मस्ती और उल्लास का पूरा आनंद उठाया। गरबा उत्सव प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट की शैक्षणिक और सांस्कृतिक उन्नति का प्रतीक है, जो संस्थान की उत्कृष्टता और विविधता को दर्शाता है।

संस्थान के निदेशक, डॉ. निशांत जोशी ने अपने संबोधन में कहा, प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट हमेशा अपने छात्रों के लिए ऐसी गतिविधियों का आयोजन करता रहा है, जो शैक्षिक उत्कृष्टता के साथ सांस्कृतिक मूल्यों को भी बढ़ावा देती हैं। गरबा उत्सव न केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम है, बल्कि यह हमारी भारतीय परंपराओं से छात्रों को जोड़ने का एक बेहतरीन माध्यम भी है। इस तरह के कार्यक्रम छात्रों में सामाजिक समरसता और सहयोग की भावना को बढ़ाते हैं।

इस अवसर पर उप निदेशिका डॉ. तारिका सिंह सिकरवार ने कहा, सांस्कृतिक गतिविधियाँ छात्रों के व्यक्तित्व विकास का महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं। गरबा जैसे पारंपरिक कार्यक्रम छात्रों को रचनात्मकता, अनुशासन और नेतृत्व के गुण सिखाते हैं। हमारा उद्देश्य छात्रों को उनकी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ते हुए उन्हें वैश्विक मंच के लिए तैयार करना है।

इस आयोजन में विभिन्न विभागों के करीब 350 से ज्यादा संस्थान के छात्र एवं छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पारंपरिक संगीत की धुन पर छात्र-छात्राओं ने गरबा और डांडिया खेलते हुए समर्पण और उत्साह का परिचय दिया। छात्रों ने रंग-बिरंगे परिधान और चमकदार आभूषण पहनकर पूरे माहौल को जीवंत बना दिया।

कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों के बीच डांडिया प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें विजेताओं को सम्मानित किया गया। प्रतियोगियों के सभी समूहों को डॉ. नविता नथानी,डॉ. अम्रपाली सप्रा एवं डॉ. प्रवीण आरोनकर द्वारा मूल्यांकान किया गया। इस गरबा महोत्सव को श्रद्धा ड्रेसस द्वारा प्रायोजक किया गया।

इस नवरात्रि गरबा महोत्सव का आयोजन संस्थान के साहित्य प्रभा क्लब के द्वारा किया गया।  
गरबा कार्यक्रम की समन्वयक सह-प्राध्यापिका मयूरी जोशी एवं सह-प्राध्यापिका सोनम सिंह रहीं साथ ही डॉ. गौरव जायसवाल उपदेशक रहे।


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