नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
जनता से सहयोग पा कर कोरोना विभीषिका का मुकाबला करने वाली उद्धव ठाकरे सरकार के काम की विश्व समुदाय ने सराहना की। भाजपा के कुछ ऐसे नेता जिनका धनबल के कारण अपने निर्वाचन क्षेत्र में जनाधार है लेकिन दूसरे सीटों पर कोई प्रभाव नहीं है वो उद्धव को “घर में बैठा मुर्गा ” (घर कोंबड़ा) कहकर अपने कुंठित विचारों का परिचय दे रहे थे। 2019-2022 के दौरान ठाकरे सरकार ने वित्तीय प्रबंधन को लेकर कई निर्णय पारित किए। जिसमें एक था बस अड्डों की सरकारी जमीनों पर महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन विभाग के अधीन पेट्रोल पंप शुरू किए जाए।
शिंदे-फडणवीस सरकार ने अपने ढाई साल के संवैधानिक रूप से विवादित कार्यकाल में बस अड्डों के एक भी पेट्रोल पंप को प्रोत्साहन नहीं दिया। कोंकण, पश्चिम महाराष्ट्र, उत्तर महाराष्ट्र, विदर्भ, मराठवाड़ा इन पांच संभागीय परिवहन विभागों में कुल 247 बस अड्डे हैं सभी बस अड्डे शहरों के मुख्य सड़क पर स्थित है। अगर इन बस अड्डों पर सरकारी ईंधन कंपनियों के पेट्रोल पंप शुरू करवाए जाते तो आज परिवहन विभाग मुनाफे में चल रहा होता।
इस न्यूज रिपोर्ट के बाद विवेकशील लोग शायद यह संवाद भी स्थापित करते नज़र आएंगे की अच्छा हुआ शिंदे-फडणवीस सरकार ने पंप नहीं शुरू नहीं करवाए। खोलते तो पंप के नाम पर बस अड्डों की हजारों करोड़ रुपए की सरकारी जमीनें गौतम अडानी के नायरा पेट्रोलियम को खैरात में बांट दी जाती। मान्यवर कांशीराम जी की एक किताब है Spoon Age (चमचा युग) इसके हर एक पन्ने पर आपको आज का सच दिखाई देगा। नामी अखबारों के जिला संस्करण नेताओं ने खरीद लिए है। अलादीन का चिराग समझकर पन्ने घिसकर पलटो विकास का जिन्न नही भूत नज़र आएगा। इस मामले में विपक्ष को सरकार से लिखित मे जवाब मांगना चाहिए।
मंत्री ने किया पंप का भूमीपूजन: पणन विभाग द्वारा संचालित संस्थाओं की ओर से पश्चिम महाराष्ट्र के सभी 60 ताल्लुकों में पुरक व्यवसाय शुरू किए जा चुके है। जामनेर में तीस साल बीत जाने के बाद कृषी उपज समिती की ओर से हिंदुस्थान पेट्रोलियम से अनुबंध कर बेटावद और फत्तेपुर में मंत्री गिरीश महाजन के हाथों पेट्रोल पंप का भूमिपूजन किया गया। अशोक भोइटे राजमल भागवत प्रसाद पाटील समेत सभी संचालक कर्मचारी उपस्थित रहे।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.