अबरार अली, ब्यूरो चीफ, सिद्धार्थ नगर (यूपी), NIT:
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी डा0 राजागणपति आर0 द्वारा सर्वप्रथम तहसीलदार, नायब तहसीलदार के कोर्ट केस पत्रावली में 05 वर्ष व 03 वर्ष से अधिक समय से लम्बित प्रकरणों पर कड़ी नाराज़गी व्यक्त करते हुए शीघ्र निस्तारण कराये जाने हेतु निर्देश दिया। धारा-67 का मौके पर जाकर निस्तारण कराने तथा कब्जा भी दिलाये जाने का निर्देश दिया। पारिवारिक सदस्यता प्रमाण-पत्र, पट्टा, आर.सी.वसूली, ई.डब्ल्यू.एस. प्रमाण-पत्र आदि पत्रावली का गहनता से जांच किया गया।
आई0जी0आर0एस0 निस्तारण आख्या को जिलाधिकारी द्वारा देखा गया। इसके पश्चात अभिलेखागार, भूलेख, संग्रह अभिलेखागार, नजारत, खतौनी कक्ष, डाक डिसपैच रजिस्टर, आर0के0पटल, आदि विभिन्न पटलों का निरीक्षण किया गया। आर0के0पटल के निरीक्षण के दौरान तहसील के अन्तर्गत कुल तालाबों की संख्या 1078 है जिसमें 480 तालाबों के पट्टो की नीलामी हुई है। 100 तालाब नगर पंचायत इटवा के अन्तर्गत है अवशेष 500 तालाबों का पट्टा कराये जाने की समस्त औचारिकतायें पूर्ण कराकर नीलामी कराने का निर्देश दिया इससे तहसील के राजस्व की आय बढ़ेगी।
इसके अलावा आवासीय पट्टा, कृषि पट्टा, कब्जा दखल का प्रमाण-पत्र जिसके नाम से पट्टा हुआ है उसका फोटो रजिस्टर में लगाने का निर्देश निर्देश दिया। धारा 66 के अन्तर्गत मुकदमों का न्यायालय में सुनवाई कर निस्तारित कराये। धारा 34 के रजिस्टर को देखा गया। लेखपाल एवं राजस्व निरीक्षक की सेवा पुस्तिका, जी.पी.एफ. पुस्तिका का अवलोकन किया गया। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका, जी.पी.एफ. पुस्तिका जो कमियां है उन्हें पूर्ण करा ले। जिलाधिकारी द्वारा तहसील परिसर की साफ-सफाई व्यवस्था ठीक कराने का निर्देश दिया।
इस अवसर पर उपरोक्त के अतिरिक्त उपजिलाधिकारी इटवा कल्याण सिंह मौर्य, उपजिलाधिकारी न्यायिक मनोज भारती, तहसीलदार इटवा, नायब तहसीलदार इटवा, राजस्व निरीक्षक, लेखपाल, नाजिर व अन्य संबधित अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
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