नियमित कार्रवाई के दौरान भाजपा कार्यकर्ता ने अतिक्रमण अधिकारी के साथ बदतमीज़ी करते हुए मोबाइल छीन कर जमीन पर पटका, वीडियो हुआ वायरल | New India TimesOplus_131072

जमशेद आलम, ब्यूरो चीफ, भोपाल (मप्र), NIT:

राजधानी भोपाल में अतिक्रमण अधिकारी शैलेश भदोरिया को धमकाने का वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है। भाजपा कार्यकर्ता वेद प्रकाश शर्मा की गुंडागर्दी का वीडियो सामने आया है। डीपी मॉल के सामने हो रहे मामले के वायरल वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि वह मोबाइल पटक रहे हैं और धमकियां दे रहे हैं।

नगर निगम का अतिक्रमण अमला अपनी नियमित कार्रवाई को अंजाम दे रहा था तभी एक व्यक्ति वहां पर आता है और निगम के कर्मचारियों से बदतमीजी करते हुए मोबाइल छीनकर जमीन पर पटक देता है जिसका वीडियो वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर यह वीडियो देखने में साफ दिख रहा है कि मौके पर उपस्थित निगम के अधिकारी शैलेश भदोरिया एवं प्रतेश गर्ग एवं अन्य कर्मचारियों के साथ बदतमीजी की गई। उक्त व्यक्ति द्वारा जो अमानवीय व्यवहार किया गया है उससे निगम के समस्त अधिकारी दुखी हैं और उनमें भारी रोष व्याप्त है। राजधानी भोपाल में त्योहारों के समय पर व्यवस्था बनाने के लिए अतिक्रमण हटाया जाता है। उसे निगम के समस्त अधिकारी अपना काम कर रहे हैं।जनता की सुविधा को देखते हुए निगम कमिश्नर के आदेश के अनुसार प्रतिदिन अतिक्रमण हटाया जा रहा है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या नगर निगम के अधिकारी एवं कर्मचारी सुरक्षित हैं? शासकीय कार्य में बाधा डालने वालों पर कड़ी कार्रवाई होना चाहिए। उक्त व्यक्ति के लापरवाही एवं मनमानी की वजह से शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न हुई है। भोपाल स्मार्ट सिटी का आकार ले रहा है, अधिकारी कर्मचारियों पर जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं। भोपाल जिला शांति समिति की बैठक में सबसे पहले अतिक्रमण का मुद्दा सामने आता है जिसको नगर निगम के अधिकारी नोट करके ले जाते हैं और फौरन कार्रवाई का आदेश करते हैं। झांकियों को व्यवस्थित रूप से चल समारोह को संपन्न कराना अधिकारियों की बड़ी जिम्मेदारी होती है। शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न हुई है। शासकीय कर्मचारी से अशोभनीय व्यवहार करने का अधिकार किसी को भी नहीं है। नगर निगम कमिश्नर महापौर को इस मामले को तत्काल संज्ञान में लेकर आरोपियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। अगर वह रसूखदार हैं तो भी उस पर आपराधिक प्रकार दर्ज होना चाहिए था। यह बड़ा मामला है, निगम के अधिकारियों कर्मचारियों का एक दल निगम कमिश्नर को ज्ञापन देने की रणनीति बना रहा है। अगर इस प्रकरण में शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो लोगों की हिम्मत बढ़ जाएगी और ऐसे हादसे होते रहेंगे। आए दिन कभी बिजली कर्मचारियों पर हमले हो जाते हैं, कभी राजस्व कर्मचारियों को घेर लिया जाता है। मध्य प्रदेश में जंगल राज मचा हुआ है। पिछले दिनों (भाजपा पार्षद) अवैध वसूली और महिला छेड़ने का मामला थाने में पहुंचा था जहां उल्टा महिलाओं पर प्रकरन दर्ज कर दिया गया। अगर इस प्रकरण में शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो लोगों की हिम्मत बढ़ जाएगी और ऐसे हादसे होते रहेंगे। मध्य प्रदेश शांति का टापू है और कानून हाथ में लेने वालों के लिए यहां कोई जगह नहीं है। खुद भाजपा के आला अधिकारी यह बयान देते नजर आते हैं तो क्या कार्रवाई सब पर होगी या पक्षपात होता रहेगा???


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