पटेल वार्ड के करीब 150 फीट दूरी के रास्ते को बनाने में अक्षम साबित हो रही है नगरपालिका देवरी, पार्षद द्वारा कई बार आवेदन देने के बाद भी नहीं हो रही है सुनवाई | New India Times

त्रिवेंद्र जाट, देवरी/सागर (मप्र), NIT:

पटेल वार्ड के करीब 150 फीट दूरी के रास्ते को बनाने में अक्षम साबित हो रही है नगरपालिका देवरी, पार्षद द्वारा कई बार आवेदन देने के बाद भी नहीं हो रही है सुनवाई | New India Times

सागर जिले के देवरी नगर पालिका में इन दिनों कुछ अलग ही मामला देखने मिल रहा है जो की शासन प्रशासन नगर पालिका एक्ट के भी नियम विरुद्ध चल रहा है। देवरी नगर में 15 वार्ड हैं जिनमें नगर पालिका के अधिकारी द्वारा भेदभाव रवैया अपनाया जा रहा है। यह आरोप पटेल वार्ड के पार्षद द्वारा लगाया जा रहा है। उनका कहना है कि पटेल वार्ड के साथ नगर पालिका अधिकारी द्वारा भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है। उनके द्वारा कई साफ सफाई, जल सफलाई, लाइट आदि समस्याओं एवं सड़क नाली निर्माण कार्य में शिकायत की जाती है तो उनकी शिकायत को नज़रअंदाज किया जाता है। पटेल वार्ड के पार्षद का कहना है कि भगवत जाट के यहां से लेकर संतोष जाट के यहां का करीब डेढ़ सौ फीट दूरी का रास्ता है जो करीब 10 वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है जिसका निर्माण कार्य आज दिनांक तक नहीं किया गया। इसके संबंध में मेरे द्वारा लगातार पत्र लिखे गए मौखिक रूप से भी कई बार अवगत कराया गया मगर मात्र 150 फीट की रास्ते को बनवाने में अधिकारी द्वारा कोई रुचि नहीं ले गई और यह बोल दिया जाता है कि अभी टेंडर लगेगा तब निर्माण होगा अभी परिषद मची हुई है जब परिषद ठीक हो जाएगी तो कर दिया जाएगा जबकि नगर में अन्य वार्डों में छोटे काम बाले ठेकेदार से जो निर्माण कार्य जो कराए जा रहे हैं वह भी बिना टेंडर के ही किया जा रहे हैं। आखिर पटेल वार्ड से इतना भेदभाव क्यों कर रहे हैं जबकि मध्य प्रदेश शासन द्वारा स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं कि जहां भी दलित वर्ग की बस्ती है उन स्थानों पर विकास को लेकर विशेष फोकस किया जाए इन स्थानों पर शासन द्वारा अलग से भी बजट जारी किया जाता है मगर नगर पालिका के मुख्य अधिकारी को इसी वार्ड से चिड़सी हो गई है तब तो निर्माण कार्य से लेकर कोई भी कार्य करने में वार्ड को नजरअंदाज किया जाता है 2 वर्ष का रिकॉर्ड उठा कर देखा जाए तो इन छोटे काम बाले ठेकेदार द्वारा समस्त वार्डों में नाली निर्माण एवं सड़ड निर्माण कार्य बिना टेंडर के ही कराए गए और बिल भी मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा किए गए जबकि सिविल लाइन से लेकर सिविल लाइन से लेकर झुंकू पुल तक का जो सड़क निर्माण कार्य किया गया था बह टेंडर प्रक्रिया द्वारा ही किया गया था जिसका समय करीब 1 वर्ष हुआ हैउस रोड में भी गड्ढा होने पर भी उसी ठेकेदार से गड्ढा भरवाने का कार्य न करा कर शासन के नियम विरुद्ध छोटे काम के ठेकेदार से गड्ढा भरवाये जा रहे हैं जिसके काम के पेमेंट बिल भी किये जायेगे जो शासन की राशि का दुरुपयोग करना हुआ जिसकी उच्च स्तरीय जांच होना चाहिए मध्य प्रदेश के नगर पालिका एक्ट में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि जनप्रतिनिधि के द्वारा बताई गई वार्ड एवं नगर की समस्याओं का समाधान नगर पालिका के अधिकारी को करना होगा उसके बाद भी देवरी नगर पालिका के मुख्य अधिकारी शासन के नियम विरुद्ध नगर पालिका की एक्ट के विरुद्ध भी जाकर काम कर रहे है जिसकी जांच के लिए कलेक्टर महोदय को पत्र भी लिखा गया है।


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