गुलशन परूथी, ग्वालियर (मप्र), NIT:
विधि विधायी मंत्रालय भारत सरकार एवं माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश पर “स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता” की थीम पर हुआ परिसर स्वच्छता कार्यक्रम। विधि विधायी मंत्रालय भारत सरकार एवं माननीय उच्च न्यायालय से “स्वच्छ भारत मिशन (SBM) की थीम “स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता (4S)” 2024 के अंतर्गत महात्मा गाँधी के जन्मदिवस 02 अक्टूबर को मनाये जाने वाले स्वच्छ भारत दिवस के अवसर दिनांक 14 सितम्बर 2024 से 01 अक्टूबर 2024 तक स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत स्वच्छता गतिविधियां आयोजित करने के निर्देश प्रदान किये गये हैं जिनके क्रियान्वयन के लिए स्वच्छता ही सेवा पखवाड़े के अंतर्गत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री पी सी गुप्ता की अगुवाई में नवीन जिला न्यायालय परिसर ग्वालियर में स्वच्छता अभियान दिनांक 28/09/2024 को चलाया गया।
जिसमें प्रधान जिला न्यायाधीश श्री पी सी गुप्ता, विशेष न्यायाधीश श्री प्रमोद कुमार सिंह,सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री आशीष दवंडे, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री नितिन कुमार मुजाल्दा, जिला रजिस्ट्रार श्री अमित मालवीय, नगर निगम मजिस्ट्रेट श्री धर्म कुमार सहित जिला मुख्यालय के समस्त न्यायाधीशों, जिला विधिक सहायता अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, सिस्टम आफीसर, कर्मचारी संघ अध्यक्ष, जिला न्यायालय व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारियों ने हाथ में झाड़ू थाम कर परिसर की सफाई की व कचड़ा एकत्रित कर नगर निगम के वाहन में डाला।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री पी सी गुप्ता ने इस अवसर पर व्यक्त किया कि इस पहल का उद्देश्य स्थायी व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देने, दैनिक आदतों में स्वच्छता को एकीकृत करने और स्वच्छ तथा स्वस्थ वातावरण बनाए रखने में सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ावा देने की दिशा में बदलाव को प्रेरित करना है।नवीन जिला न्यायालय परिसर को स्वच्छ रखना न केवल न्यायाधीशों की जिम्मेदारी है अपितु अधिवक्ताओं, कर्मचारियों व पक्षकारों पर भी यह विशेष दायित्व है।
नवीन न्यायालय को स्वच्छ परिसर बनाने में हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं साथ ही जिला न्यायालय में तंबाकू उत्पादों को भी प्रतिबंधित किया गया है तथा न्यायालय परिसर में तंबाकू उत्पादों का उपयोग करते पाये जाने पर सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन) अधिनियम, 2003( कोटपा एक्ट) के अन्तर्गत जुर्माना अधिरोपित किया जा रहा है। कार्यक्रम के उपरांत न्यायाधीशों और कर्मचारियों ने स्वच्छता को अपने स्वभाव में शामिल करने तथा न्यायालय परिसर को स्वच्छ रखने का संकल्प लिया।
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