वी.के. त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:
महेशपुर रेज की आंवला व विलहरी बीट के गांवों में दहशत का पर्याय बन चुका बाघ को ट्रेंकुलाइज करने दुधवा नेशनल पार्क की प्रशिक्षित हाथीनियाँ अपने-अपने महावतों अयूब की सुलोचना और मेहताब की डायना ट्रक से महेशपुर रेंज के मूड़ा अस्सी गांव पहुंच गई हैं। वहीं बाघ लगातार लोकेशन बदल रहा है, जिस कारण रेस्क्यू टीम को निराशा हाँथ लगी है। वहीं लगभग तीन हफ्ते से अधिक का समय होने तक कामयाबी हासिल न होने के चलते वनविभाग ने थर्मल ड्रोन का भी प्रयोग करने का फैसला लिया था जिसे कोलकाता से किराये पर मंगाया गया था।
पांच पिजड़े व पैंतीस कैमरे व एक थर्मल ड्रोन सहित दो ड्रोन कैमरों से प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) संजय विश्वाल के दिशानिर्देश पर वन क्षेत्राधिकारी महेशपुर नरेश पाल सिंह व डिप्टी रेंजर रामनरेश वर्मा सुरेंद्र पाल गौतम की अगुवाई में ट्रैकुलाइज स्पर्ट डा दया शंकर व डाक्टर नितेश कटियार ने बाघ को पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं।कामयाबी न मिलने पर प्रशिक्षित हाथीनियाँ की मदद लेने का फैसला लिया गया है।
मोहम्मदी रेंजर नरेशपाल सिंह ने बताया कि गन्ने की फसल खड़ी होने के कारण बाघ पर मचानों से ट्रेंकुलाइज करना बेहद मुश्किल काम था, ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए बाघ को पकड़ने के लिए प्रशिक्षित हांथीयों की मदद ली जाएगी, सुलोचना और डायना दोनों ट्रक के जरिये मूड़ा अस्सी आकर अपने कार्य में जुट गई हैं, बहुत जल्द बाघ को पकड़ लिया जायेगा।
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