नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
भाजपा नेता गिरीश महाजन को जनता की ओर से तीस साल की लंबी राजनीतिक पारी खेलने का मौका दिए जाने के बाद आज जामनेर में 1995 जैसे हालात बनते नज़र आ रहे हैं। 1995 में ईश्वरलाल जैन के रसूखी नेतृत्व को लेकर आम जनता के मन में छुपी नाराज़गी को विपक्ष द्वारा बल दिए जाने के बाद गिरीश महाजन विधायक बने थे। गिरीश महाजन से सीनियर दिलीप खोड़पे ने भाजपा की सदस्यता त्याग कर NCP (शरदचंद्र पवार) में जाने की घोषणा कर दी है। 21 सितंबर को खोड़पे अपनी राजनीतिक भूमिका स्पष्ट करेंगे। पेशे से शिक्षक रहे खोड़पे पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे के काफ़ी करीबी हैं। कुर्सी का प्रभाव और मीडिया के सहयोग से लोकप्रियता के शिखर पर विराजे महाजन के मुकाबले आज समाज के हर तबके , फिरके , जाती , पंथ , समुदाय , मजहब में सिर्फ और सिर्फ दिलीप खोड़पे के उम्मीदवारी हि चर्चा है।
खोड़पे की बगावत पर टिप्पणी करने से बचते हुए भाजपा IT सेल ने महाजन की छवि का इमोशनल तरीके से महिमा मंडन करना शुरू कर दिया है। दस साल बाद सरकार के प्रतिनिधि के रूप में गिरीश महाजन का नागरी सम्मान आयोजित करवाया गया है जिसमें वह विपक्ष और खोड़पे पर बोलेंगे। भाजपा और उनकी अंकित प्राचीन शक्तियों ने शायद यह तय कर लिया है की 2024 का आम चुनाव 2009 की विधानसभा के तर्ज पर लड़ना है।
स्मार्ट गर्ल शिविर का आयोजन: भारतीय जैन संगठन की ओर से लॉर्ड गणेशा स्कूल में स्मार्ट गर्ल शिविर का आयोजन कराया गया। शिविर में 90 छात्राओं को स्वजागृति , संवाद , महावारी संबंधी मेडिकल से जुड़े उपाय , आत्मरक्षा , चयन और निर्णय प्रक्रिया इन विषयो को लेकर मार्गदर्शन किया गया। रत्नाकर महाजन , राजेंद्र भूतड़ा , चंद्रशेखर गुलवाडे , अभय बोहरा , धनंजय सिंह , सुमित मुनोत मान्यवर मौजूद रहे। समूचे देश भर में भारतीय जैन संगठन की ओर से 10 लाख लड़कियों को शिविर से लाभान्वित किया गया है।
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