ताहिर मिर्ज़ा, उमरखेड (महाराष्ट्र), NIT;
उमरखेड नगर परिषद में काफी उतार चढ़ाव के बाद सत्ता स्थापित होने की घोषणा होते ही, नगर उपध्य्क्ष का भी एलान हो गया है। इस बिच कांग्रेस और राष्टवादी पार्टी के आनेक अधूरे विकास के काम और भरष्टाचार के मुद्दों पर नगर परिषद चुनाव में 8 नगर सेवकों की जीत के साथ ही अपना झंडा लहरा ने वाली एम आए एम पार्टी को आम सभा के पहले सत्ता का खवाब दिखाते हुए कांग्रेस पार्टी के शहर अध्य्क्ष नंदकिशोर अग्रवाल के पुत्र गोपाल अग्रवाल को स्वीकृत नगर सेवक पद पर चयन किया गया। कांग्रेस के साथ चुनाव लडने वाली राष्ट्रवादी ने राजू जैसवाल के रूप में एक पार्षद लाकर अपनी इज़्ज़त बचा ली है लेकिन अंत में जब कांग्रेस ने आम सभा से पहले अपने 3 पार्षदों के साथ एम आए एम को साथ लिया तो इस बात का विरोध कर जैसवाल बीजेपी-सेना के साथ हो गए तथा इस मामले में किंग बने अपक्ष पार्षद अमोल तियोरंगकर ने भी सत्ता बनाने में बीजेपी के साथ हाथ मिलाया, जिससे 14 पार्षदों के साथ शिवसैन के अरविन्द भूयर नगर उपाध्यक्ष चुना गया लेकिन एम आए एम की ओर से उपाध्यक्ष के रूप में जलील कुरैशी का नाम सामने रखा गया मगर अंत में कांग्रेस के 3 और एम आए एम के 8 पार्षदों के साथ 11 वोटों पर सहमत होना पड़ा और एम आए एम का सत्ता में आने का खवाब अधूरा रहे गया। अपने चुनावी अभियान में एम आए एम ने जिस तरहा राष्ट्रवादी और कांग्रेस का विरोध कर जनता का भरोसा हासिल किया था, अब वही भरोसा कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर टूटता नज़र आ रहा है। उसी तरह शहर के हर उस प्रभाग में जनता की बिच काफी विरोध देखने को मिल रहा है जहां से एम आए एम ने बड़े बड़े राजनैतिक दंबगों को हराया है। अब इस मामले से आने वाले समय में किसी भी चुनाव में एम आए एम लोगों के बिच किस वादे और और विकास के बातों पर चुनाव लड़ेगी यह देखना होगा।
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