पंकज शर्मा, ब्यूरो चीफ, धार (म.प्र.), NIT:
आज जहां थोड़ी सी जगह के लिए भाई अपने ही भाई के जान का दुश्मन बन जाता है वहीं तिरला के राजेश जैन अपने स्वर्गीय भाई श्री हेमंत जैन की स्मृति में हर वर्ष लाखों रुपए खर्च कर मनमोहक झांकियां निकालकर एक अनोखी मिशाल पेश करते हैं। यह सिलसिला लगभग 12-13 सालों से चला आ रहा है। कहते हैं कि इस सांस्कृतिक उत्सव की शुरुआत धार के समीप तिरला नगर में आदर्श क्लब से हुई थी। जिसके संस्थापक हेमंत जैन और उनके मित्रगण थे। इस क्लब में हेमंत जैन अपने सभी साथियों की सहायता से एवं कलाकारों के द्वारा स्वयं ही झांकि का निर्माण करवाते थे। इन झांकियों में जैसी करनी वैसी भरनी एवं पैसा बोलता है, झांकियों ने मुख्य रूप से लोगों का मनमोह लिया था, मगर समय कौन टाल सकता है, सन् 2009 में सड़क दुर्घटना में हेमंत जैन की अकाल मृत्यु हो गई, मगर उनके निधन के बाद भी उनके बड़े भाई राजेश जैन हर वर्ष उनकी याद में झांकी निकालते हैं जिसे देख लोगों की आंखे भर जाती हैं।
इस वर्ष भी डोल ग्यारह के पर्व पर श्री हेमंत जैन मित्र मंडल द्वारा हस्तिनापुर राज महल व द्रोपती वस्त्रहरण महाभारत पर आधारित एक मनमोहक झांकी निकाली।
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